सरफराज खान की धमाकेदार शतकीय पारी ने मुंबई को दिलाई जीत
धमाकेदार प्रदर्शन का दिन
नई दिल्ली: सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी (SMAT) 2025 में मंगलवार को कई शानदार पारियों का प्रदर्शन देखने को मिला। इस दौरान मुंबई के प्रमुख बल्लेबाज सरफराज खान ने असम के खिलाफ केवल 47 गेंदों में नाबाद 100 रन बनाकर सबका ध्यान आकर्षित किया।
सरफराज की शानदार पारी
सरफराज की इस पारी में 8 चौके और 7 छक्के शामिल थे, जिसने मुंबई को 220/4 के स्कोर तक पहुँचाया। इस प्रदर्शन ने न केवल टीम को मजबूती दी, बल्कि चयनकर्ताओं को भी एक स्पष्ट संदेश भेजा। बार-बार नजरअंदाज किए जाने के बावजूद, सरफराज ने अपने खेल से अपनी काबिलियत साबित की।
मुंबई की मजबूत बल्लेबाजी
मुंबई ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 20 ओवर में 220 रन का विशाल स्कोर खड़ा किया, जिसमें सरफराज खान का योगदान सबसे महत्वपूर्ण रहा। उन्होंने 47 गेंदों में शतक पूरा किया और नाबाद रहे।
कप्तान अजिंक्य रहाणे ने भी 32 गेंदों में 45 रनों की तेज पारी खेली। गेंदबाजी में शार्दुल ठाकुर ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 3 ओवर में 5 विकेट लिए, जिससे असम की टीम 19.1 ओवर में 120 रन पर सिमट गई। इस प्रकार, मुंबई ने एकतरफा जीत हासिल की।
सरफराज की अनदेखी
सरफराज खान ने पिछले कई वर्षों में घरेलू क्रिकेट में लगातार रन बनाए हैं। रणजी ट्रॉफी में दोहरा शतक, लिस्ट-ए में शतक, और अब टी20 में भी शानदार शतकीय पारी। फिर भी, टीम इंडिया में उनके लिए दरवाजे ज्यादातर बंद हैं। उन्हें टेस्ट टीम में मौका मिला, लेकिन बाद में ड्रॉप कर दिया गया।
मुंबई की जीत का परिणाम
इस मैच में मुंबई ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 220 रन बनाए, जिसमें सरफराज खान ने 47 गेंदों पर नाबाद 100 रनों की पारी खेली। उनके बल्ले से 8 चौके और 7 छक्के निकले।
असम की टीम 122 रनों पर सिमट गई, और मुंबई ने यह मुकाबला 98 रनों से जीत लिया। सरफराज को उनके शानदार शतक के लिए प्लेयर ऑफ द मैच का खिताब मिला।
नजरअंदाज किए जाने का सवाल
सरफराज ने घरेलू क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन किया है, लेकिन इसके बावजूद उन्हें टीम में मौका नहीं मिल रहा है। हाल ही में भारत को साउथ अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट सीरीज में हार का सामना करना पड़ा।
इस सीरीज में भारत के बल्लेबाज स्पिनर्स के खिलाफ कमजोर नजर आए। हालांकि, सरफराज स्पिन के खिलाफ एक मजबूत खिलाड़ी माने जाते हैं, लेकिन फिर भी उन्हें टीम में जगह नहीं मिल रही है। ऐसे में यह सवाल उठता है कि चयनकर्ता उन्हें कब तक नजरअंदाज करते रहेंगे।
