सलोनी डंगोरे: एथलेटिक्स से क्रिकेट तक का सफर, अब कैरेबियन प्रीमियर लीग में

क्रिकेट में नया अध्याय
क्रिकेट की दुनिया में, अक्सर घरेलू लीग में शानदार प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेलने का अवसर मिलता है। इसी तरह, कुछ खिलाड़ियों को विदेशी लीग में भी खेलने का मौका मिलता है। लेकिन भारतीय महिला क्रिकेटर सलोनी डंगोरे की कहानी कुछ अलग है। 2017 में क्रिकेट में कदम रखने वाली सलोनी ने अब तक केवल घरेलू क्रिकेट खेला है। टीम इंडिया के लिए खेलने का अवसर तो दूर, वह वुमेंस प्रीमियर लीग में भी नहीं खेल पाई हैं। अब, वह सीधे कैरेबियन प्रीमियर लीग में खेलेंगी। सलोनी की कहानी अन्य क्रिकेटरों से भिन्न है क्योंकि वह कभी क्रिकेटर बनने की इच्छा नहीं रखती थीं।
एथलेटिक्स से क्रिकेट की ओर
सलोनी डंगोरे का बचपन एथलेटिक्स में रुचि के साथ बीता। उन्होंने नेशनल लेवल पर लॉन्ग जंप और 100, 200 मीटर की दौड़ में भाग लिया है। आज, अपनी लेग स्पिन गेंदबाजी से बल्लेबाजों को परेशान करने वाली सलोनी को 2015 तक लेग स्पिन के बारे में भी नहीं पता था। 17 साल की उम्र में, किसी की सलाह पर उन्होंने एथलेटिक्स छोड़कर क्रिकेट में करियर बनाने का निर्णय लिया।
घरेलू क्रिकेट में अनुभव
सलोनी ने मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के लिए घरेलू क्रिकेट खेला है। उन्होंने 2017 में मध्य प्रदेश के लिए अपने करियर की शुरुआत की, लेकिन बाद में छत्तीसगढ़ के लिए खेलने लगीं। शुरूआत में, वह तेज गेंदबाज बनना चाहती थीं, लेकिन कोच की सलाह ने उन्हें लेग स्पिन गेंदबाज बना दिया। उन्होंने सेन वॉर्न की वीडियो देखकर लेग स्पिन गेंदबाजी सीखी। इसके साथ ही, वह निचले क्रम में बल्लेबाजी में भी योगदान देने में सक्षम हैं।
कैरेबियन प्रीमियर लीग में अवसर
सलोनी डंगोरे पिछले दो सीज़न से वुमेंस प्रीमियर लीग में दिल्ली कैपिटल्स के लिए नेट गेंदबाज के रूप में जुड़ी हुई थीं। अब 27 साल की सलोनी को टीम इंडिया के लिए खेलने का मौका नहीं मिला, लेकिन वह कैरेबियन प्रीमियर लीग में अपनी प्रतिभा दिखाने के लिए तैयार हैं। उन्हें ट्रिनबागो नाइट राइडर्स की टीम में विदेशी खिलाड़ी के रूप में शामिल किया गया है। उनके साथ शिखा पांडे, लिजेल ली और जेस जोनासन भी टीम में विदेशी खिलाड़ियों के रूप में शामिल हैं।