साउथ अफ्रीका-ए ने इंडिया-ए को हराकर बनाया नया रिकॉर्ड
साउथ अफ्रीका-ए की ऐतिहासिक जीत
ऋषभ पंत की कप्तानी में इंडिया-ए और साउथ अफ्रीका-ए के बीच चार दिवसीय फर्स्ट क्लास मैच में साउथ अफ्रीका-ए ने 417 रनों का विशाल लक्ष्य हासिल कर एक नया इतिहास रच दिया। यह मुकाबला बेंगलुरु के BCCI सेंटर ऑफ एक्सीलेंस ग्राउंड-1 पर आयोजित हुआ।
पहले मैच में जीत के बाद दूसरा मैच हार
इंडिया-ए ने पहले मैच में 3 विकेट से जीत दर्ज की थी, लेकिन दूसरे मैच में बड़ा लक्ष्य बचाने में असफल रही। यह फर्स्ट क्लास क्रिकेट में इंडिया-ए के खिलाफ सबसे बड़ी सफल चेज बन गई।
साउथ अफ्रीका-ए की शानदार चेज
चौथे दिन, साउथ अफ्रीका-ए ने अंतिम सत्र में 417 रनों का पीछा करते हुए 5 विकेट से जीत हासिल की। जॉर्डन हरमन, लेसेगो सेनोकवाने और जुबैर हमजा ने महत्वपूर्ण योगदान दिया। टेम्बा बावुमा ने 59 और कॉनर एस्टरहुइजेन ने नाबाद 52 रन बनाकर टीम को लक्ष्य तक पहुंचाया। यह चेज अब तक इंडिया-ए के खिलाफ फर्स्ट क्लास क्रिकेट में सबसे बड़ी सफल रनचेज बन गई।
इंडिया-ए की पारी का विश्लेषण
इंडिया-ए ने अपनी पहली पारी में 255 रन बनाए, जबकि साउथ अफ्रीका-ए की पहली पारी 221 रनों पर समाप्त हुई। इंडिया-ए को केवल 34 रनों की बढ़त मिली। दूसरी पारी में, इंडिया-ए ने 382/7 पर पारी घोषित की, जिससे साउथ अफ्रीका-ए के लिए चुनौतीपूर्ण लक्ष्य खड़ा हुआ। इसके बावजूद, अफ्रीकी बल्लेबाजों ने संयम और आक्रामकता के साथ लक्ष्य हासिल किया।
मुख्य प्रदर्शन और योगदान
जॉर्डन हरमन ने 91 रन, जबकि लेसेगो सेनोकवाने और जुबैर हमजा ने समान रूप से 77-77 रन बनाए। टेम्बा बावुमा और कॉनर एस्टरहुइजेन ने भी महत्वपूर्ण अर्धशतकीय पारियां खेलीं। इन शानदार प्रदर्शनों के चलते साउथ अफ्रीका-ए ने न केवल मैच जीता बल्कि रिकॉर्ड सफल रनचेज भी अपने नाम किया।
साउथ अफ्रीका-ए के फर्स्ट क्लास रिकॉर्ड
साउथ अफ्रीका-ए के लिए अब तक की सबसे बड़ी सफल चेजें इस प्रकार हैं:
417 बनाम इंडिया-ए, बेंगलुरु, 2025
295 बनाम रेस्ट ऑफ साउथ अफ्रीका, प्रिटोरिया, 2003
217 बनाम माटाबेलेलैंड सेलेक्ट इलेवन, बुलावायो, 1994
इंडिया-ए की प्लेइंग इलेवन
इंडिया-ए की टीम में ऋषभ पंत, केएल राहुल, देवदत्त पडिक्कल, मोहम्मद सिराज जैसे प्रमुख खिलाड़ी शामिल थे। साउथ अफ्रीका-ए ने संयम, रणनीति और अर्धशतकीय पारियों के साथ मैच जीतकर फर्स्ट क्लास क्रिकेट में एक यादगार प्रदर्शन किया। यह जीत युवा अफ्रीकी खिलाड़ियों के आत्मविश्वास को बढ़ाने वाली साबित हुई।
