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सेनुरन मुथुसामी का पहला टेस्ट शतक, भारतीय गेंदबाजों के लिए चुनौती

दक्षिण अफ्रीका के बल्लेबाज सेनुरन मुथुसामी ने गुवाहाटी में अपने पहले टेस्ट शतक के साथ भारतीय गेंदबाजों को चुनौती दी। 192 गेंदों में बनाए गए इस शतक ने दक्षिण अफ्रीका को मैच में मजबूत स्थिति में ला दिया। भारतीय मूल के इस क्रिकेटर की कहानी, उनकी शिक्षा और क्रिकेट करियर की यात्रा को जानें।
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सेनुरन मुथुसामी का पहला टेस्ट शतक, भारतीय गेंदबाजों के लिए चुनौती

गुवाहाटी में मुथुसामी की शानदार पारी


गुवाहाटी: दूसरे टेस्ट मैच के दूसरे दिन, दक्षिण अफ्रीका के बल्लेबाज सेनुरन मुथुसामी ने भारतीय गेंदबाजों को परेशान करते हुए एक अद्भुत प्रदर्शन किया।


अपने आठवें टेस्ट में, मुथुसामी ने 192 गेंदों में अपना पहला टेस्ट शतक बनाया। इस शानदार पारी के चलते दक्षिण अफ्रीका ने मैच में मजबूत स्थिति बना ली है।


भारतीय मूल का दक्षिण अफ्रीकी क्रिकेटर

सेनुरन मुथुसामी का जन्म 22 फरवरी 1994 को डरबन, दक्षिण अफ्रीका में हुआ। उनके माता-पिता भारतीय मूल के हैं और उनका परिवार तमिल परंपराओं को बनाए रखता है। उनके रिश्तेदार अभी भी तमिलनाडु के नागपट्टिनम में रहते हैं। भारतीयता के बावजूद, सेनुरन ने दक्षिण अफ्रीकी जर्सी पहनकर भारत के खिलाफ शतक बनाया।


शिक्षा और प्रारंभिक जीवन

सेनुरन ने अपनी स्कूली शिक्षा डरबन के प्रसिद्ध क्लिफ्टन कॉलेज से प्राप्त की। इसके बाद, उन्होंने क्वाजुलु-नताल यूनिवर्सिटी से सोशल साइंस में बैचलर डिग्री हासिल की और मीडिया व मार्केटिंग में विशेषज्ञता प्राप्त की। बचपन से ही क्रिकेट के प्रति रुचि रखने वाले सेनुरन ने स्कूल मैचों और स्थानीय टूर्नामेंटों में अच्छा प्रदर्शन किया।


घरेलू क्रिकेट से अंतरराष्ट्रीय स्तर तक का सफर

सेनुरन ने अंडर-11 से लेकर अंडर-19 तक क्वाजुलु-नताल का प्रतिनिधित्व किया। 2015-16 में, डॉल्फिंस टीम ने उन्हें टॉप-ऑर्डर बल्लेबाज के रूप में साइन किया।


जनवरी 2017 में, उन्होंने नाइट्स के खिलाफ 181 रनों की शानदार पारी खेली। हालांकि, बाद में उनकी बल्लेबाजी में गिरावट आई और गेंदबाजी में सुधार हुआ, जिसके कारण वे ऑलराउंडर की भूमिका में आ गए।


भारत में टेस्ट डेब्यू

2019 में, जब दक्षिण अफ्रीका की टीम भारत दौरे पर आई, तब सेनुरन को पहली बार टेस्ट टीम में शामिल किया गया। विशाखापट्टनम में अपने डेब्यू मैच में, उन्होंने भारतीय कप्तान विराट कोहली को अपना पहला टेस्ट विकेट बनाया।


टीम में जगह बनाने की मेहनत

दक्षिण अफ्रीका के पास केशव महाराज जैसे बेहतरीन स्पिनर होने के कारण सेनुरन को लगातार मौके नहीं मिलते रहे। फिर भी, उन्होंने धैर्य से इंतजार किया और जब भी मौका मिला, उन्होंने अपना काम किया। गुवाहाटी में खेला गया उनका शतक उनकी मेहनत और धैर्य का प्रमाण है।