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सोने और चांदी की कीमतों में रिकॉर्ड वृद्धि, निवेशकों की नजरें अमेरिकी नीतियों पर

भारत में त्योहारों और शादियों के मौसम में सोने और चांदी की कीमतों में अभूतपूर्व वृद्धि हो रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह वृद्धि अगले सप्ताह भी जारी रह सकती है। जानें इसके पीछे के कारण, जैसे कमजोर अमेरिकी डॉलर और सरकारी शटडाउन की आशंका। इसके अलावा, ETF होल्डिंग्स और केंद्रीय बैंकों की खरीदारी ने भी इस वृद्धि को बढ़ावा दिया है। क्या सोने की कीमतें दिवाली से पहले ₹1.25 लाख प्रति 10 ग्राम तक पहुंचेंगी? जानें इस लेख में।
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सोने और चांदी की कीमतों में रिकॉर्ड वृद्धि, निवेशकों की नजरें अमेरिकी नीतियों पर

सोने-चांदी की कीमतों में उछाल

सोने और चांदी के दाम आज: भारत में त्योहारों और शादियों के मौसम के चलते सोने और चांदी की कीमतों में भारी वृद्धि देखी जा रही है। सोने की कीमतें अब तक के उच्चतम स्तर के करीब पहुंच गई हैं, और विशेषज्ञों का मानना है कि अगले सप्ताह भी यह वृद्धि जारी रह सकती है। विशेषज्ञों के अनुसार, निवेशक अमेरिकी फंडिंग बिल, श्रम बाजार के आंकड़ों और फेडरल रिजर्व की नीतियों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, जिनका सोने की कीमतों पर सीधा प्रभाव पड़ेगा।


MCX पर दिसंबर डिलीवरी के गोल्ड फ्यूचर्स की कीमतें पिछले सप्ताह ₹3,222 यानी 2.8% बढ़कर ₹1,18,113 प्रति 10 ग्राम पर बंद हुईं। यह अपने सर्वकालिक उच्च ₹1,18,444 प्रति 10 ग्राम के बहुत करीब है। विशेषज्ञों का अनुमान है कि दिवाली से पहले सोने की कीमत ₹1.25 लाख प्रति 10 ग्राम तक पहुंच सकती है।


सोने और चांदी की कीमतों में वृद्धि के कारण

सोने-चांदी के दामों में वृद्धि के कारण


JM Financial Services के उपाध्यक्ष प्रणव मेर ने कहा, 'नए सप्ताह में सोने की कीमतों में उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है। निवेशक पहले मुनाफा बुक करेंगे और फिर फिर से खरीदारी करेंगे।' पिछले सप्ताह सोने में 3.5-4% की वृद्धि हुई थी। इस वृद्धि के पीछे के प्रमुख कारण हैं:


  • कमजोर अमेरिकी डॉलर
  • सरकारी शटडाउन की आशंका
  • महत्वपूर्ण आर्थिक डेटा की देरी


ETF और केंद्रीय बैंकों की खरीदारी से बढ़ी मांग

ETF और केंद्रीय बैंकों की खरीदारी से बढ़ी मांग


Angel One के विश्लेषक प्रथमेश माल्या के अनुसार, 'घरेलू बाजार में सोने की कीमतें रिकॉर्ड ऊंचाई पर हैं। अमेरिकी सरकारी शटडाउन और संभावित फेड दर कटौती ने सोने को और मजबूती दी है।' विशेषज्ञों का कहना है कि बढ़ती ETF होल्डिंग्स, केंद्रीय बैंकों की खरीदारी और सट्टेबाजों की सक्रियता ने सोने की कीमतों में तेजी को और बढ़ावा दिया है। अब सोने की कीमतें उत्पादन लागत से अलग हो चुकी हैं, और उत्पादक मार्जिन 55 वर्षों में सबसे ऊंचे स्तर पर हैं।


Emkay Global Financial Services की रिसर्च एनालिस्ट रिया सिंह के अनुसार, 'इस वर्ष अब तक सोने की कीमतों में 46% से अधिक की वृद्धि हुई है, जो 1979 के बाद सबसे बड़ी वार्षिक वृद्धि है।' उन्होंने कहा कि अमेरिकी राजनीतिक अस्थिरता, संभावित दर कटौती और यूरोप में बढ़ते भू-राजनीतिक तनावों ने सोने को 'सेफ हेवन' निवेश बना दिया है। इसके साथ ही, गोल्ड-सपोर्टेड ETF में तेजी से निवेश बढ़ा है।