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हरभजन सिंह ने इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट हार के बाद प्लेइंग 11 में बदलाव की मांग की

भारतीय टीम को इंग्लैंड के खिलाफ हेडिंग्ले में 5 विकेट से हार का सामना करना पड़ा, जिसके बाद पूर्व स्पिन गेंदबाज हरभजन सिंह ने प्लेइंग 11 में बदलाव की मांग की है। उन्होंने कुलदीप यादव को टीम में शामिल करने का सुझाव दिया है। भज्जी ने कहा कि टीम को इस हार से सबक लेना चाहिए और अगले टेस्ट में सुधार करना होगा। भारतीय गेंदबाजों के निराशाजनक प्रदर्शन के कारण टीम को शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा, जिसमें बल्लेबाजों ने पांच शतक लगाए। जानें पूरी कहानी में हरभजन के विचार और टीम की स्थिति।
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हरभजन सिंह ने इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट हार के बाद प्लेइंग 11 में बदलाव की मांग की

भारत को मिली हार के बाद हरभजन का बयान

Harbhajan Singh IND vs ENG: हेडिंग्ले में 371 रनों के लक्ष्य के बावजूद, भारतीय टीम को इंग्लैंड के हाथों 5 विकेट से हार का सामना करना पड़ा। भारतीय गेंदबाज चौथी पारी में विकेट के लिए तरसते नजर आए। बेन डकेट और जैक क्राउली की सलामी जोड़ी ने पहले विकेट के लिए 188 रनों की साझेदारी की, जिससे टीम इंडिया मुश्किल में पड़ गई। डकेट ने 149 रनों की शानदार पारी खेली। इस हार के बाद टीम के प्रदर्शन पर तीखी आलोचना हो रही है। पूर्व स्पिन गेंदबाज हरभजन सिंह ने दूसरे टेस्ट के लिए प्लेइंग 11 में बदलाव की आवश्यकता जताई है।


भज्जी का प्लेइंग 11 में बदलाव का सुझाव

प्लेइंग 11 में बदलाव चाहते हैं भज्जी


हेडिंग्ले में मिली हार के बाद हरभजन सिंह ने अपने यूट्यूब चैनल पर कहा, "अब टीम इंडिया पर दबाव बढ़ गया है, क्योंकि 0-1 से पिछड़ने के बाद आपको आगे बढ़ने के लिए सबक लेना होगा। मेरे अनुसार, कुलदीप यादव को अगले मैच में मौका मिलना चाहिए। यदि वह प्लेइंग 11 में आते हैं, तो टीम के पास अधिक विकेट लेने के विकल्प होंगे। लेकिन सवाल यह है कि कुलदीप किसे रिप्लेस करेंगे? शार्दुल ठाकुर? मैंने पहले कहा था कि शार्दुल को अधिक गेंदबाजी करनी चाहिए, लेकिन उन्हें तब गेंदबाजी पर लाया गया जब इंग्लैंड को जीत के लिए केवल 100-120 रन चाहिए थे। उन्हें पर्याप्त मौके मिलने चाहिए। यदि आप शार्दुल को एक बल्लेबाज के रूप में खेलाना चाहते हैं, जो थोड़ी बहुत गेंदबाजी कर सके, तो यह गलत है। वह एक गेंदबाज हैं, जो बल्लेबाजी भी कर सकते हैं।"


भज्जी की चेतावनी


भज्जी ने आगे कहा, "यह सुधार अगले टेस्ट मैच में होना चाहिए। अन्यथा, मैं पहले भी कह चुका हूं कि यह इंग्लैंड का दौरा है। कई मजबूत टीमें यहां जीतने में असफल रही हैं। यदि आप ऐसे खेलते हैं और पहली पारी में 450 रन बनाते हैं और फिर भी हार जाते हैं, तो मुझे लगता है कि आपने एक मौका खो दिया है।"


ऐतिहासिक हार का सामना

148 साल में पहली बार हुआ ऐसा


भारतीय बल्लेबाजों ने दोनों पारियों में शानदार प्रदर्शन किया, लेकिन गेंदबाजों ने हेडिंग्ले में निराशाजनक प्रदर्शन किया। 19 ओवर डालने के बावजूद बुमराह एक भी विकेट नहीं ले सके। वहीं, सिराज भी विकेट लेने में असफल रहे। टेस्ट क्रिकेट के 148 साल के इतिहास में यह पहला मौका है जब बल्लेबाजों ने पांच शतक लगाए, फिर भी टीम को हार का सामना करना पड़ा। यह शर्मनाक रिकॉर्ड अब टीम इंडिया के नाम दर्ज हो गया है। टेस्ट के अंतिम दिन पहले सेशन में भारतीय गेंदबाज कोई विकेट नहीं निकाल सके। जैक क्राउली और बेन डकेट की सलामी जोड़ी के सामने बुमराह, सिराज और प्रसिद्ध कृष्णा की तिकड़ी पूरी तरह से बेबस नजर आई। इसके साथ ही रविंद्र जडेजा की फिरकी भी कोई कमाल नहीं दिखा सकी।