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हरमनप्रीत कौर ने विश्व कप जीत का जश्न मनाने के लिए बनवाया टैटू

भारतीय महिला क्रिकेट टीम की कप्तान हरमनप्रीत कौर ने हाल ही में आईसीसी महिला विश्व कप 2025 जीतने के बाद अपने हाथ पर टैटू बनवाया है। यह टैटू उनकी मेहनत और सपनों का प्रतीक है। हरमनप्रीत ने अपने क्रिकेट सफर और इस ऐतिहासिक जीत के बारे में भावुकता से बात की। जानें कैसे उन्होंने अपने बचपन के सपनों को साकार किया और आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा दी।
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हरमनप्रीत कौर ने विश्व कप जीत का जश्न मनाने के लिए बनवाया टैटू

हरमनप्रीत कौर की खास यादें


हरमनप्रीत कौर: हाल ही में भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने आईसीसी महिला विश्व कप 2025 का खिताब जीता। इस जीत के साथ, कप्तान हरमनप्रीत कौर ने अपने जीवन के इस महत्वपूर्ण क्षण को एक अनोखे तरीके से याद किया है। उन्होंने अपने हाथ पर विश्व कप ट्रॉफी का टैटू बनवाया है, जिसमें वर्ष 2025 और 52 अंकित है, जो फाइनल में दक्षिण अफ्रीका पर भारत की 52 रनों की जीत का प्रतीक है।


हरमनप्रीत ने इस टैटू की तस्वीर सोशल मीडिया पर साझा करते हुए लिखा, "यह हमेशा मेरी त्वचा और दिल पर रहेगा। मैं इस दिन का इंतजार कर रही थी, और अब हर सुबह इसे देखकर आभारी रहूंगी।" यह टैटू उनके लिए केवल एक डिज़ाइन नहीं है, बल्कि उनके जीवन के सबसे बड़े सपने का प्रतीक है, जो 20 वर्षों की मेहनत और समर्पण के बाद पूरा हुआ।


20 साल का इंतजार और एक सपना साकार

नवी मुंबई में खेले गए फाइनल में, भारत ने दक्षिण अफ्रीका को 52 रनों से हराकर पहली बार महिला वर्ल्ड कप अपने नाम किया। इस ऐतिहासिक जीत के बाद, 36 वर्षीय कप्तान हरमनप्रीत कौर की आंखों में खुशी के आंसू थे। उन्होंने कहा, "यह मेरे लिए बहुत भावनात्मक पल है। बचपन से मेरा सपना था कि मैं भारत को वर्ल्ड कप जिताऊं। जब मुझे टीम की कप्तानी मिली, तब मैंने तय कर लिया था कि इस मौके को मैं नहीं जाने दूंगी।"



हरमनप्रीत ने आगे कहा कि भगवान ने मेरी हर दुआ सुनी। सब कुछ जादू की तरह हुआ और एक-एक कर सब ठीक होता गया। आज हम विश्व चैंपियन हैं। यह पल केवल मेरे लिए नहीं, बल्कि पूरे देश के लिए गर्व का है।


पिता के बल्ले से शुरू हुआ सफर

बीसीसीआई द्वारा जारी एक वीडियो में, हरमनप्रीत ने अपने क्रिकेट सफर को याद करते हुए बताया कि बचपन में वह अपने पिता के बल्ले से खेलती थीं, जो उनके लिए बहुत बड़ा था। उन्होंने कहा, "जब मैं छोटी थी, तब पापा अपने पुराने बल्ले को काटकर छोटा करते थे ताकि मैं उससे खेल सकूं। जब भी मैं टीवी पर भारत को खेलते देखती थी, तो सोचती थी कि एक दिन मुझे भी ऐसा मौका मिले।" हरमनप्रीत ने बताया कि उस समय उन्हें महिलाओं के क्रिकेट के बारे में जानकारी नहीं थी, लेकिन क्रिकेट के प्रति उनका जुनून कभी कम नहीं हुआ।


इतिहास रचने के बाद, हरमनप्रीत ने आने वाली पीढ़ियों के लिए एक प्रेरणादायक संदेश भी दिया। उन्होंने कहा, "सपने देखना कभी बंद मत करो। आपको कभी नहीं पता कि आपकी किस्मत आपको कहाँ ले जाएगी।" हरमनप्रीत कौर का टैटू और उनकी कहानी भविष्य में हर युवा क्रिकेटर के लिए प्रेरणा का काम करेगी, यह साबित करते हुए कि सपनों में विश्वास और कड़ी मेहनत से असंभव भी संभव हो सकता है।