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EPFO 3.0: नया डिजिटल प्लेटफॉर्म कर्मचारियों के लिए लाएगा सुविधाएं

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) जल्द ही EPFO 3.0 नामक एक नया डिजिटल प्लेटफॉर्म लॉन्च करने जा रहा है, जिसका उद्देश्य कर्मचारियों के लिए सेवाओं को अधिक सरल और पारदर्शी बनाना है। इस प्लेटफॉर्म के माध्यम से कर्मचारी ऑनलाइन दावे कर सकेंगे, एटीएम से सीधे पीएफ निकाल सकेंगे, और यूपीआई के जरिए तुरंत धन प्राप्त कर सकेंगे। जानें इस नए प्लेटफॉर्म की अन्य सुविधाएँ और इसके लॉन्च में देरी के कारण।
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EPFO 3.0: नया डिजिटल प्लेटफॉर्म कर्मचारियों के लिए लाएगा सुविधाएं

EPFO 3.0 का परिचय


EPFO 3.0 अपडेट: कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) अपने नए डिजिटल प्लेटफॉर्म EPFO 3.0 को जल्द ही लॉन्च करने की योजना बना रहा है। इस प्लेटफॉर्म का मुख्य उद्देश्य कर्मचारियों के लिए सेवाओं को अधिक सरल, पारदर्शी और तेज बनाना है। इसके विकास और रखरखाव के लिए सरकार ने प्रमुख आईटी कंपनियों जैसे इंफोसिस, विप्रो और टीसीएस को चुना है।


लॉन्च में देरी के कारण

EPFO 3.0 का लॉन्च जून 2025 में निर्धारित था, लेकिन तकनीकी परीक्षण और सुधारों के कारण इसे स्थगित कर दिया गया है। वर्तमान में, EPFO और संबंधित मंत्रालय इस प्लेटफॉर्म को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए काम कर रहे हैं।


EPFO 3.0 की नई सुविधाएँ

ऑनलाइन दावे और सुधार


EPFO 3.0 के माध्यम से, कर्मचारी अब छोटे-मोटे सुधार और दावों के लिए कार्यालयों के चक्कर नहीं लगाएंगे। वे ओटीपी के जरिए ऑनलाइन सुधार कर सकेंगे और दावे की स्थिति को ट्रैक कर सकेंगे।


उपयोगकर्ता-अनुकूल डिजिटल अनुभव


नई प्रणाली कर्मचारियों को एक बेहतर डिजिटल अनुभव प्रदान करेगी, जिसमें वे अपने पीएफ खाते की शेष राशि और योगदान की जानकारी को वास्तविक समय में देख सकेंगे।


एटीएम से सीधे पीएफ निकासी


इस नए प्लेटफॉर्म के जरिए कर्मचारी सीधे एटीएम से अपना पीएफ फंड निकाल सकेंगे, जैसे कि वे अपने बैंक खाते से करते हैं। इसके लिए यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (यूएएन) को सक्रिय करना और आधार को बैंक खाते से लिंक करना आवश्यक होगा।


यूपीआई से तत्काल निकासी


EPFO 3.0 में सदस्य यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई) के माध्यम से तुरंत पीएफ निकाल सकेंगे, जिससे आपात स्थिति में धनराशि प्राप्त करना आसान होगा।


मृत्यु की स्थिति में दावों का निपटान आसान


ईपीएफओ ने यह भी निर्णय लिया है कि मृत्यु की स्थिति में दावों का निपटान सरल बनाया जाएगा। नाबालिगों के लिए अब अभिभावकत्व प्रमाणपत्र की आवश्यकता नहीं होगी, जिससे परिवारों को त्वरित वित्तीय सहायता मिल सकेगी।