अंबाला में गर्मी का कहर: तापमान 42.5 डिग्री, एसी की मांग में वृद्धि

अंबाला में गर्मी का प्रकोप
अंबाला में जून की गर्मी ने लोगों को काफी परेशान कर दिया है, जहां तापमान मंगलवार को 42.5 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया। इस अत्यधिक गर्मी के कारण बिजली की खपत में भी उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है।
बिजली की खपत में उछाल
रविवार को बिजली की खपत 78.77 लाख यूनिट तक पहुंच गई, जबकि शनिवार को यह 71.92 लाख यूनिट थी। इस प्रकार, एक दिन में बिजली की खपत में लगभग 7.85 लाख यूनिट की वृद्धि हुई। बिजली निगम ने ट्रांसफार्मरों की संख्या बढ़ाने का प्रयास किया है, लेकिन अघोषित बिजली कटौती और कम वोल्टेज की समस्या ने लोगों के लिए मुश्किलें बढ़ा दी हैं।
बिजली कटौती से परेशान लोग
कई क्षेत्रों में घंटों तक बिजली नहीं रहती, जिससे गर्मी में लोग बेहाल हो रहे हैं। रात के समय कम वोल्टेज के कारण एसी और कूलर ठीक से काम नहीं कर पा रहे हैं। बिजली निगम को प्रतिदिन लगभग 1,500 बिजली से संबंधित शिकायतें मिल रही हैं।
पानी की आपूर्ति पर असर
सुबह के समय बिजली कटौती के कारण पानी की आपूर्ति भी प्रभावित हो रही है। कुछ क्षेत्रों में बिजली और पानी की आपूर्ति एक साथ बाधित हो रही है, जबकि जनस्वास्थ्य विभाग ने अपने पानी की आपूर्ति शेड्यूल में कोई बदलाव नहीं किया है।
एसी की बढ़ती मांग
तापमान में वृद्धि के साथ, शहर में एयर कंडीशनर (एसी) की मांग में भारी उछाल आया है। इलेक्ट्रॉनिक्स शोरूम में प्रतिदिन लगभग 200 एसी बिक रहे हैं। कंपनियां ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए नए ऑफर पेश कर रही हैं। नौतपा के बाद अब जून की गर्मी ने लोगों को परेशान कर रखा है, और प्रतिदिन 350 एसी की बिक्री हो रही है।
अस्पतालों में मरीजों की संख्या में वृद्धि
पिछले एक सप्ताह से गर्मी का प्रभाव अस्पतालों में भी दिखाई दे रहा है। कैट सिविल अस्पताल की फिजिशियन ओपीडी में पेट दर्द, डायरिया, उल्टी और मुंह के छालों के मरीजों की संख्या 8 से 10 प्रतिशत से बढ़कर 30 प्रतिशत हो गई है। रोजाना लगभग 120 मरीज इन समस्याओं के साथ अस्पताल पहुंच रहे हैं।
बच्चों में पेट की बीमारियों का बढ़ता प्रकोप
शिशु रोग विशेषज्ञों के पास आने वाले 50 में से 20 बच्चे पेट की बीमारियों से पीड़ित हैं। स्त्री रोग और आयुर्वेद ओपीडी में भी गर्मी से संबंधित बीमारियों के मरीजों की संख्या 15 प्रतिशत तक बढ़ गई है। अस्पताल की डिस्पेंसरी में ओआरएस (Oral Rehydration Solution) और जिंक टैबलेट की खपत चार गुना बढ़ गई है। पहले रोजाना 50 से 60 पैकेट की आवश्यकता थी, जो अब 200 से अधिक हो गई है।