Newzfatafatlogo

इटावा में कथावाचक के दो आधार कार्डों का मामला: सियासत गरमाई

इटावा में जाति पूछने के बाद कथावाचक की पिटाई के मामले ने राजनीतिक हलचल पैदा कर दी है। कथावाचक के दो आधार कार्ड सामने आए हैं, जिनमें नाम अलग हैं लेकिन नंबर एक ही है। पीड़ित महिला ने एसएसपी से शिकायत की है और छेड़खानी की निष्पक्ष जांच की मांग की है। इस विवाद ने समाजवादी पार्टी और ब्राह्मण महासभा के बीच सियासी टकराव को जन्म दिया है। जानें इस मामले की पूरी कहानी और राजनीतिक प्रतिक्रियाएं।
 | 
इटावा में कथावाचक के दो आधार कार्डों का मामला: सियासत गरमाई

इटावा में जाति पूछकर कथावाचक की पिटाई

उत्तर प्रदेश समाचार: इटावा में जाति पूछने के बाद कथावाचक की पिटाई के मामले ने राजनीतिक हलचल पैदा कर दी है। एक ओर ब्राह्मण महासभा सक्रिय है, वहीं समाजवादी पार्टी ने कथावाचकों को सम्मानित किया है। दूसरी ओर, गांव की रेनू तिवारी और उनके पति जयप्रकाश तिवारी ने मंगलवार शाम को एसएसपी से मुलाकात की और छेड़खानी के मामले में निष्पक्ष जांच की मांग की। इस बीच, कथावाचक के दो आधार कार्ड सामने आए हैं, जिनकी जांच शुरू हो गई है। दोनों कार्ड में एक ही नंबर है, लेकिन नाम अलग हैं। दोनों आधार कार्ड 2022 में जारी किए गए थे।


कथावाचक के दो आधार कार्डों की जांच

पहला आधार कार्ड 28 मार्च 2022 को जारी हुआ है, जिसमें नाम मुकुट मणी अग्निहोत्री है। वहीं, दूसरा आधार कार्ड 10 अक्टूबर 2022 को जारी हुआ है, जिसमें नाम मुक्त सिंह है। एक ही वर्ष में दो अलग-अलग आधार कार्डों के मामले ने विवाद को जन्म दिया है। पहले आधार कार्ड में कथावाचक की जाति ब्राह्मण बताई गई है, जबकि दूसरे में जाति का उल्लेख नहीं है। प्रशासन ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है।


पीड़ित महिला की शिकायत

पीड़ित महिला रेनू तिवारी ने एसएसपी को दी गई शिकायत में कहा कि कथावाचक ने उनकी उंगली पकड़कर बदतमीजी की। जब उनकी सच्चाई सामने आई, तब यह घटना हुई। रेनू और उनके पति जयप्रकाश ने कहा कि जो कुछ हुआ वह गलत था और इसकी निंदा करते हैं। उन्होंने छेड़खानी की जांच की मांग की है।


कथावाचकों की धमकी

महिला रेनू तिवारी ने बताया कि कथा के बाद जब वे भोजन कर रहे थे, तब कथावाचक ने उनकी उंगली पकड़ ली। विरोध करने पर कथावाचक ने उन्हें धमकाया और कहा कि उनके संबंध अखिलेश यादव से हैं। रेनू ने कहा कि स्थानीय लड़कों ने जो किया वह गलत था और वे कथावाचक के पक्ष में नहीं हैं।