उत्तर प्रदेश में आउटसोर्स भर्ती के लिए नए नियम लागू

उत्तर प्रदेश में आउटसोर्स कर्मियों की भर्ती के नए दिशा-निर्देश
UP Outsource Recruitment New Rules: उत्तर प्रदेश में आउटसोर्स कर्मियों की भर्ती के लिए नए नियम लागू किए गए हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कैबिनेट बैठक में उत्तर प्रदेश आउटसोर्स सेवा निगम (UPCOS) के गठन का प्रस्ताव मंजूर किया। यह निगम कंपनी एक्ट के तहत स्थापित किया जाएगा। अब आउटसोर्स भर्ती इस निगम द्वारा की जाएगी, जिसमें SC-ST, OBC-EWS, महिलाओं, दिव्यांगों और पूर्व सैनिकों को आरक्षण प्रदान किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने बेसहारा, तलाकशुदा और छोड़ी गई महिलाओं को भर्ती में प्राथमिकता देने का निर्देश भी दिया है।
निगम के गठन का उद्देश्य आउटसोर्स कर्मियों के अधिकारों, वेतन और सामाजिक सुरक्षा को सुनिश्चित करना है। यह नया नियम प्रशासनिक प्रणाली में पारदर्शिता लाने के साथ-साथ आउटसोर्स कर्मियों की नौकरी की स्थिरता को भी सुनिश्चित करेगा। निगम द्वारा चयनित आउटसोर्स कर्मचारी को तब तक नौकरी से नहीं निकाला जाएगा, जब तक संबंधित विभाग के अधिकारी ऐसा नहीं कहेंगे।
निगम का गठन और संचालन
मुख्य सचिव की अध्यक्षता में बनेगा निगम
मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, निगम के अध्यक्ष मुख्य सचिव होंगे और उनके नेतृत्व में एक बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स और एक निदेशक नियुक्त किया जाएगा। भर्ती के लिए मंडल और जिला स्तर पर समितियों का गठन किया जाएगा। भर्ती के लिए एजेंसियों का चयन जेम पोर्टल के माध्यम से किया जाएगा, और एजेंसियों को तीन साल के लिए नियुक्त किया जाएगा। अनुभव के आधार पर भर्ती में वेटेज दिया जाएगा। उत्तर प्रदेश आउटसोर्स सेवा निगम एक नियामक निकाय की भूमिका निभाएगा, जो भर्ती एजेंसियों की कार्यप्रणाली की निगरानी करेगा। नियमों के उल्लंघन पर निगम ब्लैकलिस्टिंग, डिबारमेंट, पेनाल्टी और कानूनी कार्रवाई करने के लिए जिम्मेदार होगा। मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिया कि नियमित पदों के लिए आउटसोर्स कर्मियों की भर्ती न की जाए।
आउटसोर्स कर्मियों की शिकायतें
आउटसोर्स कर्मियों से मिली रही थीं शिकायतें
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बताया कि पिछले कुछ समय से आउटसोर्स कर्मियों से कई शिकायतें प्राप्त हो रही थीं। उन्होंने भर्ती करने वाली एजेंसियों पर सवाल उठाते हुए कहा कि एजेंसियों द्वारा उनकी सैलरी में कटौती की जाती है और EPF/ESI का लाभ नहीं दिया जाता है। इसके अलावा, ओवरटाइम कराकर और गैर-टाइम काम कराकर उनका शोषण भी किया जाता है। इसलिए निगम के गठन की आवश्यकता महसूस हुई।