कैथल जन्माष्टमी मटकी फोड़ कार्यक्रम: 19 वर्षों की परंपरा का जश्न

कैथल जन्माष्टमी मटकी फोड़ कार्यक्रम: 19 वर्षों की परंपरा
कैथल जन्माष्टमी मटकी फोड़ कार्यक्रम: यह आयोजन नगर की एक महत्वपूर्ण परंपरा बन चुका है, जो हर साल श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर श्रद्धा और उत्साह का संगम प्रस्तुत करता है। जनकल्याण ट्रस्ट द्वारा आयोजित, यह कार्यक्रम इस वर्ष अपने 19वें वर्ष में प्रवेश कर रहा है। नगर पार्षद धर्मेंद्र शर्मा ने बताया कि यह आयोजन धार्मिक भावना के साथ-साथ युवाओं में भाईचारे और टीम भावना को भी बढ़ावा देता है।
इस बार भी नगर के 11 प्रमुख स्थानों पर मटकी टांगी जाएगी। इनमें मॉडल संस्कृति स्कूल के पास, पीपल वाला चौक और स्वर्गद्वार मंदिर चौक जैसे स्थल शामिल हैं। सबसे ऊंची मटकी बाबा नारायण दास सत्संग हॉल के सामने के मैदान में टांगी जाएगी, जो इस आयोजन का मुख्य आकर्षण होगा।
युवाओं की टोलियां बनाएंगी मानव पिरामिड
इस आयोजन की विशेषता युवाओं की टोलियों द्वारा बनाई गई मानव पिरामिड है। ये दल पारंपरिक तरीके से एक-दूसरे के कंधों पर चढ़कर मटकी तक पहुंचते हैं और अंत में उसे फोड़ते हैं। मटकियों में दही, मक्खन, मिठाइयां और पुरस्कार रखे जाते हैं, जो श्रीकृष्ण के बाल रूप की याद दिलाते हैं। इस प्रतियोगिता में भाग लेने वाले युवाओं की तैयारी जोरों पर है।
यह आयोजन केवल एक प्रतियोगिता नहीं है, बल्कि नगर के युवाओं के लिए एकता और सहयोग का प्रतीक बन चुका है। हर साल हजारों लोग इस कार्यक्रम का आनंद लेने आते हैं और श्रीकृष्ण जन्मोत्सव की भक्ति में लीन हो जाते हैं।
भजन, झांकियां और भक्ति का माहौल
कार्यक्रम में बाहर से कलाकारों को आमंत्रित किया जाता है, जो अपने भजनों और झांकियों से श्रद्धालुओं को भावविभोर करते हैं। शाम के समय नगरवासी बड़ी संख्या में विभिन्न स्थलों पर एकत्र होकर इस आयोजन का आनंद लेते हैं। भजन संध्या और झांकियों का आयोजन श्रद्धा को और गहरा कर देता है।
बाबा नारायण दास सत्संग हॉल के सामने विशेष मंच, सजावट और रोशनी की व्यवस्था की जाती है, जिससे माहौल और भी भव्य बन जाता है। भक्त श्रीकृष्ण के गीतों के बीच भक्ति और उल्लास का अनुभव करते हैं।