Newzfatafatlogo

गौशाला भूमि विवाद: प्रशासनिक स्तर पर पहुंचा मामला, अगली सुनवाई सोमवार को

गौशाला समिति और नगर पालिका परिषद के बीच चल रहा भूमि विवाद अब प्रशासनिक स्तर पर पहुंच गया है। शनिवार को हुई बैठक में कोई ठोस निष्कर्ष नहीं निकला। गौशाला समिति ने केवल एक पुराना नक्शा पेश किया, जबकि नगर पालिका ने सरकारी संपत्ति का दावा किया। अगली सुनवाई सोमवार को होगी, जहां एसडीएम सभी दस्तावेजों के आधार पर निर्णय लेंगे। इस विवाद का मुख्य कारण भूमि का चारदीवारी बनाना है, जिसे लेकर दोनों पक्षों में मतभेद हैं।
 | 
गौशाला भूमि विवाद: प्रशासनिक स्तर पर पहुंचा मामला, अगली सुनवाई सोमवार को

भूमि विवाद का प्रशासनिक समाधान


महराजगंज :: नगर पालिका परिषद और गौशाला समिति के बीच चल रहा भूमि विवाद अब प्रशासनिक स्तर पर पहुंच चुका है। शनिवार को उप जिलाधिकारी (एसडीएम) नवीन कुमार की अध्यक्षता में दोनों पक्षों के बीच एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई, लेकिन इस बैठक का कोई ठोस निष्कर्ष नहीं निकल सका।


बैठक के दौरान, गौशाला समिति केवल एक पुराना नक्शा पेश कर सकी, जबकि नगर पालिका परिषद ने राजस्व अभिलेखों में दर्ज 'नवीन परती' की प्रति प्रस्तुत करते हुए यह दावा किया कि यह भूमि सरकारी संपत्ति है।


एसडीएम नवीन कुमार ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अगले सोमवार को फिर से उपस्थित होकर सभी दस्तावेज प्रस्तुत करने का आदेश दिया। उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि तब तक कोई भी पक्ष विवादित भूमि पर कोई निर्माण या गतिविधि नहीं करेगा।


विवाद का कारण क्या है?


नौतनवा कस्बे के बीच स्थित एक भूमि पर विवाद है, जिसे गौशाला समिति अपनी बताकर चारदीवारी बनाने की मांग कर रही है। नगर पालिका परिषद का कहना है कि यह भूमि नवीन परती के रूप में राजस्व अभिलेखों में दर्ज है, और वर्तमान में उस पर 20 हजार लीटर क्षमता का पानी टैंक एवं बोरिंग बना हुआ है, जिससे नगर की बड़ी आबादी को स्वच्छ जल आपूर्ति की जा रही है।


नगर पालिका का सुझाव है कि पानी टैंक और बोरिंग को छोड़कर बाकी भूमि की चारदीवारी की जा सकती है, लेकिन गौशाला समिति पूरे क्षेत्र को घेरने पर अड़ी हुई है। इसी कारण विवाद बढ़ता जा रहा है।


अध्यक्ष का विपक्ष पर आरोप


नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष बृजेश मणि त्रिपाठी ने कहा कि 'यह विवाद विपक्षियों की साजिश है। पिछले 20 वर्षों से यहां पानी का टैंक मौजूद है, लेकिन किसी ने तब तक घेरने की कोशिश नहीं की। अब जब नगर हित में कार्य हो रहा है, तभी विवाद खड़ा किया जा रहा है।'


बैठक में कौन-कौन शामिल थे?


बैठक में नगर पालिका की ओर से अध्यक्ष बृजेश मणि त्रिपाठी, अधिशासी अधिकारी संदीप कुमार सरोज, वरिष्ठ लिपिक संजय श्रीवास्तव, रमाशंकर सिंह और अन्य सभासद उपस्थित रहे। वहीं, गौशाला समिति की ओर से ओमप्रकाश वर्मा, मनोज राना, अधिवक्ता सुनील श्रीवास्तव सहित अन्य लोग शामिल हुए।


अब सभी की नजरें सोमवार को प्रस्तावित बैठक पर टिकी हैं, जहां एसडीएम दस्तावेजों के आधार पर इस भूमि विवाद का समाधान कर सकते हैं।