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टांगरी नदी के उफान से प्रभावित औद्योगिक क्षेत्र में राहत कार्य जारी

अम्बाला में टांगरी नदी के उफान ने औद्योगिक क्षेत्र और आसपास की कॉलोनियों को गंभीर रूप से प्रभावित किया है। राहत कार्य जारी है, जिसमें जल निकासी के लिए पंप लगाए गए हैं और फंसे लोगों का रेस्क्यू किया जा रहा है। हालांकि, औद्योगिक इकाइयों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है, जिससे उनके ऑर्डर रद्द हो सकते हैं। प्रशासन ने क्षतिपूर्ति पोर्टल खोला है, लेकिन कई क्षेत्रों में अभी भी जलभराव है। जानें इस संकट की पूरी कहानी और प्रशासन की कार्रवाई के बारे में।
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टांगरी नदी के उफान से प्रभावित औद्योगिक क्षेत्र में राहत कार्य जारी

अम्बाला में बाढ़ का संकट

अम्बाला। टांगरी नदी के उफान ने गुरुवार को कैंट के औद्योगिक क्षेत्र के साथ-साथ 5 कॉलोनियों को प्रभावित किया। शनिवार को भी औद्योगिक क्षेत्र में 6 से 8 फुट तक पानी भरा रहा। एचएसआईआईडीसी ने जल निकासी के लिए 3 पंप लगाए हैं। मोटर बोट के माध्यम से फंसे लोगों का रेस्क्यू किया गया। सोनिया कॉलोनी, न्यू सोनिया कॉलोनी, पूजा विहार, अर्जुन नगर और विकासपुरी में अब भी जलभराव है। गुरुवार को 260 से अधिक लोगों को 4 साधारण और मोटर बोट की मदद से सुरक्षित निकाला गया था। शुक्रवार सुबह जगाधरी हाईवे से पानी उतर गया था।


औद्योगिक क्षेत्र में जलभराव की स्थिति

कैंट इंडस्ट्रियल एसोसिएशन के अध्यक्ष डीसी गुप्ता ने बताया कि एचएसआईआईडीसी ने शुक्रवार से 3 पंप चालू किए हैं। एक पंप की वायरिंग में समस्या आ गई है, जिसे पानी उतरने के बाद ठीक किया जाएगा। उन्होंने बताया कि लगभग 130 उद्योगों में पानी भर गया है। यह पानी तो उतर जाएगा, लेकिन गाद निकालना एक बड़ी चुनौती होगी।


नुकसान की भरपाई की चुनौती

इस गाद के कारण मशीनरी और तैयार ऑर्डर भी प्रभावित होंगे। औद्योगिक क्षेत्र में बिजली की आपूर्ति बहाल होने में लगभग 20 दिन लगेंगे। पूरी तरह से सामान्य स्थिति में लौटने में एक महीने का समय लगेगा, जिससे उनके सभी ऑर्डर रद्द हो जाएंगे। एसोसिएशन के सदस्य सुरेंद्र सहगल ने कहा कि 2023 की बाढ़ ने औद्योगिक इकाइयों को बुरी तरह प्रभावित किया था, और अब एक नई समस्या सामने आ गई है।


कॉलोनियों में राहत की आवश्यकता

कैंट इंडस्ट्रियल एरिया में नावों के माध्यम से लोगों का रेस्क्यू किया गया। कॉलोनी के निवासियों ने बताया कि उनके पास राशन है, लेकिन पीने का पानी नहीं है। पूजा विहार के प्रदीप कुमार ने कहा कि कई लोग चोरी के डर से घर छोड़ने को तैयार नहीं हैं। उनके पास राशन तो है, लेकिन पीने के लिए पानी नहीं है। प्रशासन को पानी के टैंकर भेजने चाहिए। सोनिया कॉलोनी के भारत शर्मा ने बताया कि टांगरी के पानी के साथ सांप और अन्य जहरीले जीव भी आ रहे हैं। कॉलोनियों की बिजली सप्लाई भी बंद कर दी गई है।


ग्रामीणों की प्रयास

टांगरी नदी के उफान ने शाहपुर-कोट कछुवा का बांध तोड़ दिया था, जिससे पानी खेतों में तेजी से फैल रहा है। इस बाढ़ के कारण हाईटेंशन लाइन के 3 दर्जन पोल भी गिर गए हैं। पानी को रोकने के लिए ग्रामीणों ने ट्रैक्टर-ट्रॉलियों में रेत की बोरियां भरकर बांध बनाने का कार्य शुरू किया। शुक्रवार दोपहर को लगभग 100 ग्रामीण इस काम में जुटे रहे और शाम तक अस्थाई बांध बना दिया।


क्षतिपूर्ति पोर्टल की जानकारी

डीसी अजय सिंह तोमर ने बताया कि बारिश और बाढ़ के कारण खेतों और घरों में काफी नुकसान हुआ है। क्षतिपूर्ति पोर्टल खोल दिया गया है, जो पहले चरण में 10 सितंबर तक खुला रहेगा। इसके बाद आवश्यकता अनुसार इसे फिर से खोला जा सकता है। लोगों को केवल क्षतिपूर्ति पोर्टल पर आवेदन करना चाहिए, ताकि उनकी राजस्व विभाग से गिरदावरी कराकर मुआवजा दिया जा सके। उन्होंने कहा कि कई क्षेत्रों में अभी भी पानी भरा है, जिसे निकालने के लिए टीमें काम कर रही हैं।