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दिल्ली के कचरे से बना एक्सप्रेसवे: 17 अगस्त को होगा उद्घाटन

दिल्ली में एक अनोखा एक्सप्रेसवे 17 अगस्त को उद्घाटन के लिए तैयार है, जो कचरे से बनाया गया है। यह सड़क न केवल कचरा प्रबंधन का एक अभिनव समाधान है, बल्कि यह दिल्लीवासियों के लिए एयरपोर्ट तक पहुंच को भी आसान बनाएगी। जानें इस एक्सप्रेसवे के निर्माण की प्रक्रिया, इसके रूट और इसके लाभों के बारे में।
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दिल्ली के कचरे से बना एक्सप्रेसवे: 17 अगस्त को होगा उद्घाटन

दिल्ली कचरे से बना एक्सप्रेसवे

दिल्ली कचरे से बना एक्सप्रेसवे: 17 अगस्त को होगा उद्घाटन। यह सड़क अब वास्तविकता बन चुकी है। यह न केवल दिल्ली की कचरा समस्या का समाधान है, बल्कि स्मार्ट इंफ्रास्ट्रक्चर का एक उदाहरण भी है। गाजीपुर, ओखला और भलस्वा जैसी लैंडफिल साइट्स से निकले लगभग 10 लाख मैट्रिक टन कचरे का उपयोग इस सड़क के निर्माण में किया गया है।


इस एक्सप्रेसवे को शहरी विस्तार सड़क 2 के नाम से जाना जाएगा और यह दिल्लीवासियों के लिए एयरपोर्ट तक पहुंच को और भी सरल बनाएगा। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने इस परियोजना की जानकारी साझा की है।


कैसे बना यह अनोखा एक्सप्रेसवे?


दिल्ली की तीन प्रमुख लैंडफिल साइट्स—गाजीपुर, ओखला और भलस्वा—हर दिन लगभग 10,000 मैट्रिक टन कचरा उत्पन्न करती हैं। इस सड़क के निर्माण में लगभग 3 महीने के कचरे का उपयोग किया गया है। कचरे को प्रोसेस करके सड़क निर्माण के लिए उपयुक्त सामग्री में बदला गया है।


यह पहल कचरे से सड़क की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे न केवल कचरे की समस्या का समाधान होगा, बल्कि पर्यावरण के लिए भी यह एक सकारात्मक प्रयास है।


जानिए पूरा रूट और फायदे


यह नया एक्सप्रेसवे दिल्ली के अलीपुर से शुरू होकर चंडीगढ़ हाईवे से जुड़ता है। इसके बाद यह मुंडका, बक्करवाला, नजफगढ़ और द्वारका होते हुए महिपालपुर के पास दिल्ली-गुरुग्राम एक्सप्रेसवे से मिल जाता है। इससे दिल्ली एयरपोर्ट तक का सफर काफी आसान और तेज हो जाएगा।


दिल्ली एयरपोर्ट की कनेक्टिविटी अब पहले से बेहतर होगी और ट्रैफिक का दबाव भी कम होगा। यह सड़क दिल्ली के स्मार्ट सिटी मिशन और स्थायी सड़क विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।