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नया Aadhaar ऐप: पहचान सत्यापन का आसान तरीका

भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) ने एक नया मोबाइल ऐप 'Aadhaar App' लॉन्च किया है, जो आधार कार्ड की सत्यता की पुष्टि करने में मदद करता है। यह ऐप उपयोगकर्ताओं को अपने आधार को सुरक्षित रखने के लिए कई सुविधाएँ प्रदान करता है, जैसे प्राइवेसी कंट्रोल और बायोमैट्रिक लॉक/अनलॉक। जानें इस ऐप के विशेष फीचर्स और कैसे यह नकली आधार कार्ड से बचने में मदद कर सकता है।
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नया Aadhaar ऐप: पहचान सत्यापन का आसान तरीका

नई दिल्ली में आधार कार्ड की बढ़ती आवश्यकता

नई दिल्ली: आधार कार्ड आज हर भारतीय के लिए एक अनिवार्य दस्तावेज बन चुका है। यह न केवल सरकारी सेवाओं का लाभ उठाने में मदद करता है, बल्कि पहचान प्रमाणित करने के लिए भी आवश्यक है। हालाँकि, नकली आधार कार्ड के माध्यम से धोखाधड़ी के मामलों में भी वृद्धि हुई है।


किराएदार, नौकर या उधारी मांगने वाले लोग अक्सर फर्जी आधार कार्ड का सहारा लेते हैं। ऐसे धोखाधड़ी से आम जनता को बचाने के लिए भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) ने एक नया मोबाइल ऐप 'Aadhaar App' लॉन्च किया है।


'mAadhaar' ऐप से भिन्न

अधिकारियों ने बताया है कि नया 'Aadhaar App' मौजूदा 'mAadhaar' ऐप से अलग है और इसमें कई नए फीचर्स जोड़े गए हैं। यह ऐप एंड्रॉयड और आईओएस दोनों प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध है।


ऐप का कार्यप्रणाली

इस ऐप का मुख्य फीचर आधार कार्ड की सत्यता की पुष्टि करना है।


जब आप ऐप खोलेंगे, तो नीचे 'Scan QR' का विकल्प दिखाई देगा।


इस पर क्लिक करके, आपको किसी भी व्यक्ति के आधार कार्ड पर मौजूद क्विक रिस्पॉन्स कोड (QR Code) को स्कैन करना होगा।


कोड स्कैन होते ही, उस आधार कार्ड की असली जानकारी आपके मोबाइल स्क्रीन पर प्रदर्शित हो जाएगी। इससे यह स्पष्ट हो जाएगा कि आधार कार्ड असली है या नकली।


अपने आधार को सुरक्षित बनाना

यह ऐप केवल दूसरों के आधार की जांच करने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह उपयोगकर्ताओं को अपने आधार कार्ड को सुरक्षित रखने के लिए भी महत्वपूर्ण सुविधाएँ प्रदान करता है।


इसमें प्राइवेसी कंट्रोल शामिल है, जिससे उपयोगकर्ता अपने आधार नंबर या जन्मतिथि जैसी संवेदनशील जानकारी को साझा करने से पहले हाइड या मास्क कर सकते हैं। इसके अलावा, ऐप के माध्यम से आधार धारक अपने बायोमैट्रिक (फिंगरप्रिंट और आइरिस) को लॉक और अनलॉक कर सकते हैं, ताकि उनका दुरुपयोग न हो सके। उपयोगकर्ता यह भी देख सकते हैं कि उनके बायोमैट्रिक का उपयोग कब और कहाँ किया गया है।