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नागद्वारी मंदिर: 10 दिन के लिए खुलने वाला अद्भुत तीर्थ स्थल

मध्य प्रदेश का नागद्वारी मंदिर, जो नाग देवता को समर्पित है, साल में केवल 10 दिन के लिए खुलता है। भक्तों को इस मंदिर तक पहुंचने के लिए 7 पहाड़ों की चढ़ाई करनी होती है, जो एक अद्भुत यात्रा का अनुभव प्रदान करती है। नाग पंचमी के अवसर पर विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। इस मंदिर की गुफा में नाग देवता की मूर्ति स्थापित है, और यहां दर्शन करने से भक्तों की मनोकामनाएं पूरी होती हैं। जानें इस अद्भुत तीर्थ स्थल के बारे में और इसकी पौराणिक कथाओं के बारे में।
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श्री नागद्वार स्वामी मंदिर, मध्य प्रदेश

भारत में नाग देवता को समर्पित कई प्राचीन मंदिर हैं, जिनमें से एक मध्य प्रदेश का नागद्वारी मंदिर (श्री नागद्वार स्वामी मंदिर) है। यह मंदिर साल में केवल 10 दिनों के लिए खुलता है, और इस दौरान एक भव्य मेला भी आयोजित किया जाता है। भक्तों को इस मंदिर तक पहुंचने के लिए 7 पहाड़ों की चढ़ाई करनी होती है, जो लगभग एक दिन का समय लेती है। यात्रा की कुल दूरी करीब 16 किमी है, जिसे पैदल ही तय करना होता है। हर साल नाग पंचमी से 10 दिन पहले नागद्वार यात्रा आरंभ होती है और यह नाग पंचमी के दिन समाप्त होती है।


नाग पंचमी 2025 का पर्व

इस वर्ष नाग पंचमी का पर्व 29 जुलाई को मनाया जाएगा, जिसके चलते 19 जुलाई को नागद्वारी मंदिर के कपाट भक्तों के लिए खोले गए थे। आज नाग पंचमी के पावन अवसर पर पूजा-अर्चना के बाद मंदिर के कपाट फिर से बंद हो जाएंगे।


छोटी अमरनाथ यात्रा के रूप में प्रसिद्ध

मध्य प्रदेश के होशंगाबाद जिले में स्थित पचमढ़ी, जिसे सतपुड़ा की रानी कहा जाता है, के बीच नागद्वारी मंदिर स्थित है। इसे नागलोक का मार्ग भी माना जाता है, और इसलिए नागद्वार यात्रा को मध्य प्रदेश की छोटी अमरनाथ यात्रा कहा जाता है।


नागों के वरदान की पौराणिक कथा

पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान शिव ने प्राचीन काल में 12 नागों के जोड़ों को सतपुड़ा की रानी में निवास का वरदान दिया था। इसी कारण यहां नागों की पूजा की जाती है। नागद्वारी मंदिर की गुफा लगभग 35 फीट लंबी है, जहां नाग देवता की मूर्ति स्थापित है। मान्यता है कि इस मंदिर में दर्शन करने से भक्तों की सभी इच्छाएं पूरी होती हैं।


श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए प्रशासन के इंतजाम

पचमढ़ी के नागद्वारी मेले में आने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए जिला प्रशासन ने कड़े इंतजाम किए हैं। इस बार प्रशासन ने मेले में 800 से 1000 पुलिस जवानों की तैनाती की है ताकि भक्तों को किसी भी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े।