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प्रधानमंत्री मोदी का घाना दौरा: भारत-घाना संबंधों की नई दिशा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घाना से अपने पांच देशों के दौरे की शुरुआत की है, जो पिछले तीन दशकों में भारत के किसी प्रधानमंत्री का पहला दौरा है। इस यात्रा के दौरान, वे घाना के राष्ट्रपति से मुलाकात करेंगे और द्विपक्षीय वार्ता करेंगे। घाना की अर्थव्यवस्था, प्राकृतिक संसाधन, विशेषकर सोना, और भारत के लिए इसकी रणनीतिक महत्वता पर चर्चा की जाएगी। घाना, जो पश्चिम अफ्रीका का एक प्रमुख देश है, अपनी सांस्कृतिक विरासत और तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था के लिए जाना जाता है। जानें इस दौरे के पीछे की वजहें और घाना का भारत के लिए महत्व।
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प्रधानमंत्री मोदी का घाना दौरा: भारत-घाना संबंधों की नई दिशा

प्रधानमंत्री मोदी का अफ्रीका दौरा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को पांच देशों की यात्रा शुरू की, जिसमें उनका पहला पड़ाव पश्चिम अफ्रीका का घाना है। इसके बाद वे त्रिनिदाद और टोबैगो, अर्जेंटीना, ब्राजील और नामीबिया का दौरा करेंगे। पीएम मोदी का यह घाना दौरा पिछले तीन दशकों में भारत के किसी प्रधानमंत्री का पहला दौरा है। यहां उन्होंने घाना के राष्ट्रपति से मुलाकात की और द्विपक्षीय वार्ता के साथ-साथ घाना की संसद को भी संबोधित करने का कार्यक्रम रखा है। इसके अलावा, वे भारतीय समुदाय के सदस्यों से भी संवाद करेंगे।


भारत का अफ्रीका में बढ़ता प्रभाव

पिछले 11 वर्षों में, भारत ने अफ्रीका के साथ अपने संबंधों को मजबूत किया है। प्रधानमंत्री मोदी ने इस महाद्वीप पर विशेष ध्यान दिया है। घाना के राष्ट्रपति कृषि और वैक्सीन विकास में भारत के साथ सहयोग के इच्छुक हैं। वे घाना को पश्चिम अफ्रीका के लिए वैक्सीन हब बनाने की योजना बना रहे हैं। इसके अलावा, रक्षा सहयोग और खनिज संसाधनों के विकास पर भी चर्चा की जाएगी।


घाना की अर्थव्यवस्था और संसाधन

घाना, जो पश्चिम अफ्रीका में स्थित है, अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था के लिए जाना जाता है। यह देश भारत के लिए ऐतिहासिक और आर्थिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है। घाना के प्राकृतिक संसाधन, विशेषकर सोना, भारत की आर्थिक आवश्यकताओं को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।


सोने का प्रमुख उत्पादक

घाना को पहले 'गोल्ड कोस्ट' के नाम से जाना जाता था। यह देश अटलांटिक महासागर के किनारे स्थित है और इसकी सीमाएं कोटे डी आइवर, बुर्किना फासो और टोगो से मिलती हैं। विश्व स्वर्ण परिषद के अनुसार, घाना 2024 में दुनिया का सातवां सबसे बड़ा सोना उत्पादक देश होगा, जिसका वार्षिक उत्पादन लगभग 130-140 मीट्रिक टन है।


शांति और स्थिरता का प्रतीक

घाना का क्वामे नक्रूमा मेमोरियल पार्क और ऐतिहासिक किले इसकी औपनिवेशिक और स्वतंत्रता संग्राम की कहानियों को दर्शाते हैं। ग्लोबल पीस इंडेक्स-2022 के अनुसार, घाना उप-सहारा अफ्रीका का दूसरा सबसे शांतिपूर्ण देश है।


भारत-घाना संबंधों का इतिहास

भारत और घाना के बीच संबंध 1957 में घाना की स्वतंत्रता के साथ शुरू हुए। दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक और ऐतिहासिक समानताएं हैं। घाना की राजधानी अकरा में नेहरू के नाम पर एक सड़क और भारत द्वारा निर्मित जुबिली हाउस इन गहरे संबंधों का प्रतीक है।


आयात और निर्यात का बढ़ता व्यापार

भारत और घाना के बीच द्विपक्षीय व्यापार लगभग 3 बिलियन अमेरिकी डॉलर का है। भारत घाना से मुख्य रूप से सोना, कोको और लकड़ी का आयात करता है। इसके विपरीत, भारत घाना को चावल, फार्मास्यूटिकल्स और मशीनरी का निर्यात करता है।


घाना का ओपन-एयर बाजार

घाना में पश्चिम अफ्रीका का सबसे बड़ा ओपन-एयर बाजार कुमासी में स्थित है, जिसे केजेतिया मार्केट के नाम से जाना जाता है। यह बाजार न केवल व्यापारिक केंद्र है, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक गतिविधियों का भी केंद्र है।


पर्यटन का प्रमुख केंद्र

घाना पर्यटन के क्षेत्र में भी एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। यहां के ऐतिहासिक किले, काकुम राष्ट्रीय उद्यान और वोल्टा झील जैसे आकर्षण इसे विश्व स्तर पर प्रसिद्ध बनाते हैं।