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फरीदाबाद में संबद्ध कॉलेजों के लिए शैक्षणिक गुणवत्ता और नवाचार को बढ़ावा देने की अपील

फरीदाबाद में जेसी बोस विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय ने संबद्ध कॉलेजों के निदेशकों की एक बैठक आयोजित की। इस बैठक में शैक्षणिक गुणवत्ता में सुधार, नवाचार को बढ़ावा देने और उद्योग-अकादमिक सहयोग को मजबूत करने पर जोर दिया गया। कुलपति प्रो. सुशील कुमार तोमर ने अनुसंधान के महत्व पर भी चर्चा की और सभी कॉलेजों को नैक और एनबीए मान्यता प्राप्त करने की तैयारी करने के लिए प्रेरित किया। बैठक में कई प्रमुख शिक्षाविदों ने भाग लिया और सुझावों को लागू करने की प्रतिबद्धता जताई।
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फरीदाबाद में संबद्ध कॉलेजों के लिए शैक्षणिक गुणवत्ता और नवाचार को बढ़ावा देने की अपील

संबद्ध कॉलेजों की बैठक में शैक्षणिक सुधार पर चर्चा


  • जेसी बोस विश्वविद्यालय ने संबद्ध कॉलेजों को नैक और एनबीए मान्यता प्राप्त करने के लिए कहा


(फरीदाबाद समाचार) फरीदाबाद। जेसी बोस विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वाईएमसीए ने फरीदाबाद और पलवल के संबद्ध कॉलेजों के निदेशकों एवं प्राचार्यों की एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया। यह बैठक सतयुग दर्शन इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी में कुलपति प्रो. सुशील कुमार तोमर की अध्यक्षता में हुई। इसका मुख्य उद्देश्य शैक्षणिक स्तर में सुधार, नवाचार को बढ़ावा देना और उद्योग-अकादमिक सहयोग को मजबूत करना था।


अनुसंधान को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर जोर


बैठक की शुरुआत में निदेशकों और प्राचार्यों का परिचय कराया गया। कुलपति प्रो. तोमर ने विद्यार्थियों और शिक्षकों के लिए अनुसंधान को बढ़ावा देने के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने सभी संबद्ध कॉलेजों से राष्ट्रीय प्रत्यायन बोर्ड (एनबीए) और राष्ट्रीय मूल्यांकन और प्रत्यायन परिषद (एनएएसी) से मान्यता प्राप्त करने की तैयारी करने का आग्रह किया।


बैठक में डीन (इंस्टीट्यूशन्स) प्रो. मुनीश वशिष्ठ ने एजेंडे में तकनीकी शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार, नवाचार और अकादमिक एवं औद्योगिक सहभागिता को बढ़ावा देने पर विशेष ध्यान दिया।


बैठक में कुलसचिव प्रो. अजय रंगा, अकादमिक मामलों के डीन प्रो. अतुल मिश्रा, डीन स्टूडेंट वेलफेयर प्रो. प्रदीप डिमरी, परीक्षा नियंत्रक डॉ. राजीव कुमार सिंह, निदेशक (एडमिशन) प्रो. आशुतोष निगम, और उप कुलसचिव (अकादमिक) मुनीश गुप्ता भी उपस्थित रहे।


कुलसचिव प्रो. रंगा ने आश्वासन दिया कि संबद्ध कॉलेजों की प्रशासनिक समस्याओं के समाधान के लिए उनका कार्यालय तत्परता से कार्य करेगा। निदेशकों और प्राचार्यों ने भी बैठक में दिए गए सुझावों को लागू करने की प्रतिबद्धता जताई। सत्र का समापन डीन (इंस्टीट्यूशन्स) प्रो. मुनीश वशिष्ठ के धन्यवाद प्रस्ताव के साथ हुआ।