Newzfatafatlogo

भारत-अमेरिका संबंधों में तनाव: जॉन केरी की चेतावनी और ट्रंप की नीतियों पर सवाल

पूर्व अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन केरी ने भारत और अमेरिका के बीच बढ़ते तनाव पर चिंता व्यक्त की है। उन्होंने ट्रंप प्रशासन की नीतियों की आलोचना करते हुए कहा कि संबंध सुधारने का तरीका अल्टीमेटम नहीं होना चाहिए। केरी ने ओबामा प्रशासन के दौरान के सहयोगात्मक दृष्टिकोण की तुलना की और वर्तमान स्थिति को दीर्घकालिक संबंधों के लिए हानिकारक बताया। व्यापार और टैरिफ विवादों के बीच, उन्होंने भारत की सकारात्मक पेशकश की भी सराहना की। जानें इस मुद्दे पर विशेषज्ञों और पूर्व अधिकारियों की क्या राय है।
 | 
भारत-अमेरिका संबंधों में तनाव: जॉन केरी की चेतावनी और ट्रंप की नीतियों पर सवाल

भारत और अमेरिका के बीच बढ़ता तनाव

भारत अमेरिका संबंध: पूर्व अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन केरी ने भारत और अमेरिका के बीच बढ़ते तनाव पर चिंता व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि किसी भी देश के साथ संबंध सुधारने का तरीका अल्टीमेटम देना नहीं होना चाहिए। केरी ने ट्रंप प्रशासन की नीतियों पर सवाल उठाते हुए कहा कि महान राष्ट्र हमेशा संवाद और सहयोग के माध्यम से आगे बढ़ते हैं, न कि दबाव और धमकी से।


ओबामा प्रशासन बनाम ट्रंप प्रशासन

केरी ने बताया कि बराक ओबामा के शासनकाल में भारत और अमेरिका के बीच बातचीत आपसी सम्मान और सहयोग पर आधारित थी। वहीं, ट्रंप प्रशासन के दौरान संबंधों में कठोरता और दबाव की नीति देखने को मिल रही है। उनका कहना था कि वर्तमान परिस्थितियां आदेश और धक्का-मुक्की जैसी लग रही हैं, जो दीर्घकालिक संबंधों के लिए ठीक नहीं है।


व्यापार और टैरिफ विवाद

हाल के हफ्तों में भारत-अमेरिका रिश्तों में खटास उस समय आई जब ट्रंप प्रशासन ने भारत पर रूसी तेल खरीदने को लेकर अतिरिक्त शुल्क लगा दिया। इसके अलावा अमेरिकी निर्यात शुल्क में लगातार बढ़ोतरी से भारत पर असर पड़ा है। अमेरिकी टैरिफ दरें अब 50% से अधिक हो चुकी हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम दोनों देशों के बीच आपसी विश्वास को नुकसान पहुंचा सकता है।


भारत की पेशकश

केरी ने इस विवाद के बीच उम्मीद जताई कि नई दिल्ली और वाशिंगटन अपने मतभेद सुलझा लेंगे। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल को मित्र बताते हुए कहा कि भारत की ओर से पेशकश बेहद मजबूत और सकारात्मक है। रिपोर्टों के अनुसार, भारत ने अमेरिका के कई आयातों पर शून्य टैरिफ का प्रस्ताव दिया है, जिसे केरी ने बड़ा बदलाव बताया।


पूर्व अधिकारियों की चिंता

केरी अकेले नहीं हैं जिन्होंने ट्रंप की नीतियों पर सवाल उठाए। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन ने भी चेतावनी दी थी कि ट्रंप का रवैया भारत को रूस और चीन के और करीब धकेल सकता है। उनका कहना था कि यह अमेरिकी रणनीति के लिए बड़ी गलती होगी। बोल्टन के अनुसार, रूस को कमजोर करने के नाम पर लगाए गए द्वितीयक टैरिफ वास्तव में भारत को मजबूर कर सकते हैं कि वह रूस और चीन के साथ अमेरिका के खिलाफ एकजुट हो।


विशेषज्ञों की प्रतिक्रिया

विदेश नीति विशेषज्ञ क्रिस्टोफर पैडिला ने भी आशंका जताई कि इस तरह की नीतियां भारत-अमेरिका रिश्तों को लंबे समय तक नुकसान पहुंचा सकती हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे कदमों से भारत अमेरिका की विश्वसनीयता पर सवाल उठा सकता है।


ट्रंप की रणनीति पर तीखी आलोचना

अमेरिका के वरिष्ठ अर्थशास्त्री जेफरी सैक्स ने ट्रंप की टैरिफ नीति को विदेश नीति का सबसे मूर्खतापूर्ण कदम कहा। उन्होंने आरोप लगाया कि भारत पर 25% दंडात्मक शुल्क लगाकर ट्रंप ने अनजाने में ब्रिक्स देशों को एकजुट कर दिया है। सैक्स के मुताबिक, यह कोई रणनीति नहीं बल्कि तोड़फोड़ है, जिससे वैश्विक आर्थिक संतुलन बिगड़ सकता है।