महाराष्ट्र में स्वच्छता अभियान: प्रधानमंत्री मोदी के जन्मदिन पर विशेष पहल

महाराष्ट्र में स्वच्छता अभियान की शुरुआत
महाराष्ट्र स्वच्छता अभियान: महाराष्ट्र सरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 75वें जन्मदिन के अवसर पर एक महत्वपूर्ण पहल करने जा रही है। राज्य का कौशल विकास विभाग 17 सितंबर को एक विशाल स्वच्छता अभियान की शुरुआत करेगा, जिसमें राज्यभर के औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई) के हजारों छात्र भाग लेंगे। इस योजना के अंतर्गत 750 गांवों में सफाई और जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
अभियान का उद्घाटन
इस अभियान का आरंभ बुधवार सुबह 11 बजे पनवेल तालुका के गावहन ग्राम पंचायत से होगा। कार्यक्रम का उद्घाटन कौशल विकास मंत्री मंगल प्रभात लोढ़ा करेंगे, जबकि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस इस अभियान के मुख्य मार्गदर्शक होंगे। सरकार का कहना है कि यह पहल प्रधानमंत्री मोदी के अमृत महोत्सव जन्मदिन को समर्पित है और स्वच्छ भारत मिशन को नई गति देने का प्रयास है।
स्वच्छता का महत्व
विकसित भारत का एक प्रमुख स्तंभ
कौशल विकास मंत्री मंगल प्रभात लोढ़ा ने कहा कि स्वच्छता विकसित भारत का एक महत्वपूर्ण स्तंभ है। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री ने सभी नागरिकों से स्वच्छ भारत अभियान में भागीदारी की अपील की है और महाराष्ट्र इस दिशा में युवाओं की ऊर्जा और कौशल का उपयोग कर रहा है। 419 सरकारी आईटीआई से हजारों छात्र इस अभियान का हिस्सा बनेंगे।
समाज में योगदान
समाज और राष्ट्र निर्माण में योगदान
अधिकारियों के अनुसार, यह केवल एक दिन की पहल नहीं है, बल्कि छात्रों के लिए समाज और राष्ट्र निर्माण में योगदान देने का अवसर भी है। इस अभियान में ग्राम पंचायतों की भागीदारी सुनिश्चित की गई है ताकि प्रयास का स्थायी प्रभाव गांवों में दिखाई दे। इसमें कचरा संग्रहण से लेकर स्वच्छता रैलियों तक कई गतिविधियां शामिल होंगी।
स्वच्छता के लिए प्रशिक्षण
रोजगार कौशल का प्रशिक्षण
मंत्री लोढ़ा ने यह भी कहा कि संसाधन और ढांचा आवश्यक हैं, लेकिन जन जागरूकता और प्रशिक्षित जनशक्ति स्वच्छ भारत को वास्तविकता बना सकती है। उन्होंने बताया कि महाराष्ट्र ने देश की पहली संत गाडगे बाबा स्वच्छ भारत अकादमी की स्थापना की है, जिसके माध्यम से हजारों युवाओं को स्वच्छता और उससे जुड़े रोजगार कौशल का प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
आईटीआई छात्रों की भूमिका
आईटीआई छात्रों की अहम भूमिका
इस अभियान के माध्यम से न केवल गांवों को साफ-सुथरा बनाने का प्रयास होगा, बल्कि ग्रामीणों में स्वच्छता के प्रति स्थायी आदतें विकसित करने पर भी जोर दिया जाएगा। आईटीआई छात्र इस अभियान को संगठित और अनुशासित रूप देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। राज्य सरकार का मानना है कि यह अभियान प्रधानमंत्री मोदी के विजन को आगे बढ़ाने और एक स्वस्थ, जागरूक और स्वच्छ महाराष्ट्र बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम साबित होगा।