मांडू: ऐतिहासिक प्रेम कहानी और अद्भुत स्थापत्य का स्थल
मांडू, मध्य प्रदेश का एक ऐतिहासिक स्थल है, जो अपनी अद्भुत स्थापत्य कला और प्रेम कहानी के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ के प्रमुख आकर्षणों में जहाज़ महल, हिंदोला महल, और रूपमती महल शामिल हैं। हर साल यहाँ 'मांडू उत्सव' का आयोजन होता है, जो स्थानीय संस्कृति को जीवंत करता है। मांडू की यात्रा का सर्वोत्तम समय अक्टूबर से मार्च के बीच होता है। यदि आप एक शांत और ऐतिहासिक स्थल की खोज में हैं, तो मांडू आपकी सूची में अवश्य होना चाहिए।
Jul 24, 2025, 17:38 IST
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मांडू का परिचय
मध्य प्रदेश के धार ज़िले में स्थित मांडू, जिसे कभी-कभी 'मांडवगढ़' या 'शादीशुदा पत्थरों का शहर' कहा जाता है, भारतीय पर्यटन के नक्शे पर एक अनोखा और ऐतिहासिक स्थल है। यह नगर पहाड़ियों पर बसा हुआ है और न केवल अपनी स्थापत्य कला और प्राचीन स्मारकों के लिए जाना जाता है, बल्कि रानी रूपमती और बाज बहादुर की अमर प्रेम कहानी के लिए भी प्रसिद्ध है। मांडू की हवाओं में इतिहास, प्रेम और स्थापत्य का सौंदर्य एक साथ बहेता है।
मांडू का ऐतिहासिक महत्व
मांडू का इतिहास लगभग 6वीं शताब्दी से शुरू होता है, लेकिन इसका स्वर्ण युग 15वीं सदी में मालवा सल्तनत के दौरान आया। इस समय के दौरान यहाँ कई भव्य महल, मस्जिदें, बावड़ियाँ और दरवाजे बनाए गए। मांडू की भौगोलिक स्थिति, जो विंध्याचल की पहाड़ियों पर और नर्मदा घाटी के किनारे है, इसे एक स्वाभाविक किला बनाती है।
मांडू के प्रमुख आकर्षण
1. जहाज़ महल
यह महल कपूर तालाब और मुंज तालाब के बीच स्थित है, जिससे यह एक जहाज़ की तरह दिखाई देता है। इसका निर्माण 15वीं सदी में सुल्तान ग़ियासुद्दीन खिलजी ने अपनी 15,000 रानियों के लिए करवाया था। रात में इसका प्रतिबिंब जल में अद्भुत दृश्य प्रस्तुत करता है।
2. हिंदोला महल
हिंदोला महल अपनी झुकी हुई दीवारों के लिए प्रसिद्ध है और इसका उपयोग दरबारी सभाओं के लिए किया जाता था। इसकी स्थापत्य शैली वास्तुकला के चमत्कारों में गिनी जाती है।
3. रूपमती महल
यह वह स्थान है जहाँ रानी रूपमती नर्मदा नदी को देखती थीं। यह प्रेम कहानी का सबसे भावनात्मक स्थल है, जहाँ से मांडू की घाटी और नर्मदा का दृश्य मिलता है।
4. बाज बहादुर महल
यह महल मांडू के अंतिम स्वतंत्र शासक बाज बहादुर का निवास था। इसकी वास्तुकला में राजपूत और मुस्लिम शैलियों का संगम देखने को मिलता है।
5. जामा मस्जिद
यह मस्जिद दिल्ली की जामा मस्जिद से प्रेरित है और मांडू के स्थापत्य वैभव को दर्शाती है। इसके विशाल प्रांगण और सुंदर मेहराबें इसकी विशेषता हैं।
6. रेवा कुंड
यह पवित्र कुंड नर्मदा नदी को समर्पित है और माना जाता है कि रूपमती इसी से जल ग्रहण करती थीं।
मांडू उत्सव
हर साल दिसंबर-जनवरी में 'मांडू उत्सव' का आयोजन होता है, जिसमें स्थानीय लोक-संगीत, नृत्य, कला प्रदर्शन, साइकिल टूर और हॉट एयर बलून जैसी गतिविधियाँ शामिल होती हैं। यह उत्सव मांडू को जीवंतता प्रदान करता है।
कैसे पहुँचे?
निकटतम हवाई अड्डा: इंदौर (लगभग 100 किमी)
रेलवे स्टेशन: इंदौर और रतलाम से सड़क मार्ग उपलब्ध है।
सड़क मार्ग: इंदौर, धार और महेश्वर से मांडू के लिए बसें और टैक्सियाँ आसानी से मिलती हैं।
ठहरने की व्यवस्था
मांडू में मध्य प्रदेश पर्यटन विभाग द्वारा संचालित होटल और कुछ निजी रिसॉर्ट्स उपलब्ध हैं। प्राकृतिक सुंदरता के बीच ठहरना एक अद्वितीय अनुभव होता है।
यात्रा का सर्वोत्तम समय
अक्टूबर से मार्च के बीच मांडू घूमने का सबसे अच्छा समय होता है। खासकर मानसून के बाद (जुलाई–सितंबर) मांडू की हरियाली और झीलें इसे और भी आकर्षक बना देती हैं।
निष्कर्ष
मांडू केवल एक ऐतिहासिक नगर नहीं है, बल्कि यह प्रेम, कला और संस्कृति की जीवित कथा है। यहाँ की हवाएं रूपमती के सुरों को, दीवारें बाज बहादुर के प्रेम को और झीलें बीते समय की परछाइयों को संजोए हुए हैं। यदि आप एक शांत, सुंदर और ऐतिहासिक स्थल की यात्रा की योजना बना रहे हैं, तो मांडू अवश्य आपकी सूची में होना चाहिए।