मोबाइल इंजीनियर बनने के लिए जानें आवश्यक टिप्स और कोर्स

मोबाइल इंजीनियर करियर: iPhone 17 डिजाइनर बनने के लिए जानें ये खास टिप्स
नई दिल्ली | हाल ही में एप्पल ने अपनी नई iPhone 17 श्रृंखला का अनावरण किया, जिसमें iPhone 17, iPhone 17 Air, iPhone 17 Pro और iPhone 17 Pro Max शामिल हैं। इन स्मार्टफोन्स के आकर्षक डिजाइन और बेहतरीन फीचर्स की हर जगह प्रशंसा हो रही है।
इस श्रृंखला के प्रमुख डिजाइनर अबिदुर चौधरी सुर्खियों में हैं, जिन्होंने iPhone के लुक को नया रूप दिया। क्या आप भी एप्पल जैसी प्रतिष्ठित टेक कंपनी में काम करने का सपना देख रहे हैं? यदि हां, तो मोबाइल इंजीनियर बनने का रास्ता आपके लिए एक सुनहरा अवसर हो सकता है। आइए जानते हैं कि मोबाइल इंजीनियर कैसे बनें, कौन से कोर्स और कौशल आवश्यक हैं, और किन कॉलेजों से शिक्षा प्राप्त कर सकते हैं।
मोबाइल इंजीनियर बनने के लिए क्या करें?
मोबाइल इंजीनियर बनने का पहला कदम कंप्यूटर साइंस या इंजीनियरिंग में बी.टेक करना है। इस कोर्स में मोबाइल एप्लिकेशन डेवलपमेंट का स्पेशलाइजेशन चुनना आवश्यक है।
यह आपको Android और iOS ऐप्स विकसित करने की आवश्यक कौशल सिखाता है। इस क्षेत्र में करियर की संभावनाएं बहुत अच्छी हैं, और भविष्य में मोबाइल इंजीनियर्स की मांग और बढ़ने की उम्मीद है।
जरूरी कोर्स और स्पेशलाइजेशन
मोबाइल इंजीनियरिंग में करियर बनाने के लिए कुछ विशेष कोर्स करने होते हैं। मोबाइल एप्लिकेशन डेवलपमेंट में आप मोबाइल और टैबलेट के लिए ऐप्स बनाना सीखते हैं। फुल स्टैक डेवलपमेंट में वेब और मोबाइल ऐप्स के फ्रंटएंड और बैकएंड दोनों की पढ़ाई होती है।
सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग में सॉफ्टवेयर डिजाइनिंग और मेंटेनेंस की बारीकियां सिखाई जाती हैं। इन कोर्सेज में Java, Kotlin, Swift जैसे प्रोग्रामिंग भाषाओं और Flutter, React Native जैसे फ्रेमवर्क्स की ट्रेनिंग दी जाती है।
टॉप कॉलेज और उनकी फीस
बी.टेक का कोर्स 4 साल का होता है। कुछ प्रमुख विश्वविद्यालयों में ये कोर्स उपलब्ध हैं। पूर्णिमा विश्वविद्यालय, जयपुर में मोबाइल एप्लिकेशन और फुल स्टैक डेवलपमेंट के लिए BCA की फीस 3.90 लाख रुपये है।
यूपीईएस देहरादून में बी.टेक (CSE) की फीस 2.74 लाख रुपये है, जिसमें मोबाइल एप्लिकेशन डेवलपमेंट का स्पेशलाइजेशन शामिल है। जीडी गोयनका विश्वविद्यालय, गुड़गांव में बी.टेक की फीस 10.25 लाख रुपये है। फीस में स्पेशलाइजेशन के आधार पर बदलाव हो सकता है, इसलिए लेटेस्ट जानकारी के लिए विश्वविद्यालयों से संपर्क करें।
जरूरी स्किल्स
मोबाइल इंजीनियर बनने के लिए प्रोग्रामिंग भाषाओं जैसे Java, Kotlin, और Swift की अच्छी समझ आवश्यक है। Flutter और React Native जैसे फ्रेमवर्क्स की मदद से आप दोनों प्लेटफॉर्म्स के लिए ऐप्स बना सकते हैं। Android Studio और XCode जैसे टूल्स का उपयोग करना भी सीखें।
इसके अलावा, UI/UX डिजाइनिंग की जानकारी होनी चाहिए, ताकि यूजर-फ्रेंडली ऐप्स विकसित कर सकें। REST API, Firebase जैसी बैकएंड तकनीक और Git जैसे वर्जन कंट्रोल सिस्टम की समझ भी आवश्यक है। समस्या समाधान और संचार कौशल के साथ-साथ नई तकनीकों को सीखने की आदत भी होनी चाहिए।
एंट्रेंस एग्जाम्स
बी.टेक में दाखिले के लिए कई एंट्रेंस एग्जाम्स होते हैं। JEE Main के जरिए NIT, IIT और GFTI में दाखिला मिलता है। JEE Advanced में टॉप 2.5 लाख JEE Main क्वालिफायर्स हिस्सा लेते हैं।
VITEEE वेल्लोर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के लिए, MHT CET महाराष्ट्र के इंस्टीट्यूट्स के लिए, TS EAMCET तेलंगाना के लिए, और BITSAT बिड़ला इंस्टीट्यूट के लिए आयोजित होता है।
करियर के अवसर
मोबाइल ऐप्स का उपयोग तेजी से बढ़ रहा है, जिससे मोबाइल इंजीनियर्स की मांग भी बढ़ी है। आप मोबाइल ऐप डेवलपर, फुल स्टैक डेवलपर, UI/UX डिजाइनर, क्वालिटी एश्योरेंस इंजीनियर या सॉफ्टवेयर इंजीनियर बन सकते हैं।
गूगल, अमेजन, एप्पल जैसी कंपनियां इन प्रोफेशनल्स को हायर करती हैं। फ्रीलांसिंग या खुद का ऐप बनाकर भी अच्छी कमाई हो सकती है। शुरुआती सैलरी 3-6 लाख रुपये सालाना होती है, जो अनुभव के साथ 10 लाख से ज्यादा हो सकती है।
अबिदुर चौधरी की प्रेरणा
iPhone 17 के डिजाइनर अबिदुर चौधरी ने लफबरो यूनिवर्सिटी से प्रोडक्ट डिजाइनिंग में बैचलर ऑफ डिजाइन की डिग्री हासिल की। उन्होंने कैंब्रिज कंसल्टेंट्स और कर्वेटा में इंटर्नशिप की, फ्रीलांसिंग की, और फिर एप्पल के साथ जुड़े। उनकी कहानी बताती है कि सही शिक्षा और अनुभव के साथ आप भी बड़ी टेक कंपनियों में अपनी जगह बना सकते हैं।