रोहतक में 26 किलोमीटर लंबा रिंग रोड: यात्रा को तेज और सुविधाजनक बनाएगा

रोहतक का नया रिंग रोड
वर्ष 2000 से 2025 के बीच, रोहतक का विकास उल्लेखनीय रहा है। यह प्रदेश का पहला शहर बन गया है, जिसके चारों ओर 26 किलोमीटर लंबा रिंग रोड लगभग तैयार है। इस रिंग रोड के माध्यम से, वाहन चालक बिना शहर में प्रवेश किए सीधे अन्य शहरों या राज्यों की ओर बढ़ सकते हैं।
यात्रा में समय की बचत
जींद से आने वाले वाहन चालक अब रिंग रोड का उपयोग कर सकते हैं, जिससे दिल्ली पहुंचने में 30 मिनट की बचत होगी। यह रिंग रोड शहर के भीतर की सड़कों को भी बेहतर बनाता है, जो पिछले 25 वर्षों में काफी विकसित हुई हैं। शिक्षा, स्वास्थ्य और औद्योगिक विकास के क्षेत्र में रोहतक ने अपनी पहचान बनाई है।
रेलवे फाटकों का समाधान
पूर्व पार्षदों के अनुसार, पहले शहर की पहचान रेलवे फाटकों से होती थी, जिनकी संख्या वर्ष 2000 में 8 थी। अब, इन फाटकों की समस्या समाप्त हो गई है, जिससे शहर के भीतर यातायात में सुधार हुआ है।
रेलवे ट्रैक का विकास
डॉ. सतीश त्यागी के अनुसार, रोहतक अब एक बड़ा शहर बन चुका है। 2005 से 2014 के बीच, शहर में कई सड़कों और बाईपास का निर्माण हुआ। अब रेलवे ट्रैक की संख्या भी बढ़कर 6 हो गई है, जिससे यातायात में सुधार हुआ है।
जनसंख्या और क्षेत्र का विस्तार
अशोक खुराना, जो तीन बार पार्षद रह चुके हैं, बताते हैं कि शहर का दायरा अब 100 वर्ग किलोमीटर तक पहुंच गया है। 25 साल पहले यहां की जनसंख्या लगभग 2 लाख थी, जो अब 5 लाख से अधिक हो गई है।
औद्योगिक विकास
पिछले 25 वर्षों में, जिले में औद्योगिक विकास तेजी से हुआ है। अब शहर में 2000 से अधिक औद्योगिक इकाइयां हैं, जबकि वर्ष 2000 में यह संख्या केवल 50 थी। इन उद्योगों ने 50,000 से अधिक लोगों को रोजगार दिया है।
शिक्षा में प्रगति
शहर ने शिक्षा के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण प्रगति की है। अब यहां 4 विश्वविद्यालय हैं, जिनमें आईआईएम और आईएचएम शामिल हैं। देशभर से विद्यार्थी यहां पढ़ाई के लिए आते हैं।