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हरियाणा में कपास किसानों के लिए नया मोबाइल ऐप: कपास किसान

हरियाणा में कपास उत्पादक किसानों के लिए एक नई मोबाइल ऐप्लिकेशन 'कपास किसान' लॉन्च की गई है। यह ऐप किसानों को कपास का पूरा न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) प्राप्त करने में मदद करेगी। किसान इस ऐप के माध्यम से अपनी फसल की जानकारी सत्यापित कर सकेंगे और भारतीय कपास निगम के निकटतम केंद्र पर फसल बेचने के लिए स्लॉट बुक कर सकेंगे। जानें इस ऐप के उपयोग और सत्यापन प्रक्रिया के बारे में अधिक जानकारी।
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हरियाणा में कपास किसानों के लिए नया मोबाइल ऐप: कपास किसान

कपास किसान ऐप का परिचय

कपास किसान ऐप: चंडीगढ़ | हरियाणा के कपास उत्पादक किसानों के लिए एक सकारात्मक विकास हुआ है। राज्य सरकार ने किसानों को कपास का पूरा न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) प्रदान करने के लिए "कपास किसान" नामक एक मोबाइल ऐप्लिकेशन लॉन्च की है। इस ऐप के माध्यम से किसान मेरी फसल-मेरा ब्यौरा पोर्टल पर उपलब्ध कपास की जानकारी को सत्यापित कर सकेंगे, जिससे उन्हें अपनी फसल बेचने में आसानी होगी.


कपास का न्यूनतम समर्थन मूल्य

इस वर्ष हरियाणा में मध्यम रेशे वाली कपास का MSP 7,710 रुपये प्रति क्विंटल और लंबे रेशे वाली कपास के लिए 8,110 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है। ये मूल्य विपणन सत्र 2025-26 के लिए हैं.


सरकार की नई योजना: ऐप के माध्यम से खरीदारी

सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया कि भारत सरकार के उपक्रम 'भारतीय कपास निगम लिमिटेड' ने कपास की बिक्री के लिए कपास किसान ऐप्लिकेशन विकसित की है, जो न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) योजना के अंतर्गत काम करेगी। किसान इस ऐप को Google Play Store और Apple iOS से डाउनलोड कर सकते हैं.


सत्यापन की प्रक्रिया

कपास किसान मोबाइल ऐप्लिकेशन को डाउनलोड करें और मेरी फसल-मेरा ब्यौरा पोर्टल में पंजीकृत अपने मोबाइल नंबर से ओटीपी के माध्यम से लॉगिन करें.


लॉगिन करने के बाद, ऐप में दिखाई गई कपास बिजाई भूमि की जानकारी को मेरी फसल-मेरा ब्यौरा द्वारा सत्यापित कपास बिजाई भूमि रिकॉर्ड से मिलान करें.


सफल सत्यापन के बाद, भारतीय कपास निगम (CCI) को कपास बेचने के लिए निगम के निकटतम केंद्र पर अपना स्लॉट बुक करें, ताकि आपको न्यूनतम समर्थन मूल्य पर फसल बेचने का लाभ मिल सके.


भारतीय कपास निगम ने किसानों को सलाह दी है कि वे कपास की फसल को अच्छी तरह सुखाकर लाएं, ताकि सरकार द्वारा निर्धारित MSP का लाभ मिल सके। फसल में नमी की मात्रा 12% से अधिक नहीं होनी चाहिए.