हरियाणा में फार्मासिस्ट भर्ती में देरी से स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित

फार्मासिस्ट भर्ती हरियाणा: स्वास्थ्य सेवाओं की गंभीर स्थिति
हरियाणा में फार्मासिस्टों की भर्ती में गंभीर कमी का मुद्दा सामने आया है। सांसद कुमारी सैलजा ने राज्य सरकार पर स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली का आरोप लगाया है। रिपोर्ट के अनुसार, पिछले चार वर्षों में 36% फार्मासिस्ट पद खाली पड़े हैं।
नई भर्तियों की अनुपस्थिति के कारण मरीजों को दवाइयों की कमी का सामना करना पड़ रहा है। सैलजा ने कहा कि सरकार के दावे निराधार हैं, जो हरियाणा के स्वास्थ्य ढांचे की कमजोरी को उजागर करते हैं। यदि आप हरियाणा में निवास करते हैं, तो यह जानकारी आपके लिए महत्वपूर्ण है।
दवाइयों की कमी और मरीजों की परेशानियाँ
फार्मासिस्टों की कमी के चलते दवाइयों का वितरण प्रभावित हो रहा है। सैलजा के अनुसार, लाखों मरीज बिना दवा के लौटने को मजबूर हैं। सरकार ने फार्मासिस्टों की जगह बहुउद्देशीय स्वास्थ्य कर्मियों को नियुक्त किया है, जो स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता को और खराब कर रहा है।
ग्रामीण क्षेत्रों के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र इस समस्या से सबसे अधिक प्रभावित हैं। मरीजों को दवाइयों के लिए लंबा इंतजार करना पड़ता है, विशेषकर दूरदराज के इलाकों में।
भर्ती में देरी और युवाओं का भविष्य
सैलजा ने स्वास्थ्य मंत्री के आश्वासनों पर सवाल उठाते हुए कहा कि विधानसभा में भर्ती के वादे किए गए थे, लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए। भर्ती प्रक्रियाएं फाइलों में अटकी हुई हैं, जिससे योग्य युवा नौकरी के लिए इंतजार कर रहे हैं।
फार्मासिस्ट भर्ती में देरी न केवल स्वास्थ्य सेवाओं को प्रभावित कर रही है, बल्कि बेरोजगारी को भी बढ़ा रही है। सैलजा ने इसे सरकार की लापरवाही बताया और कहा कि युवाओं के लिए रोजगार के अवसर पैदा करना सरकार की जिम्मेदारी है।
स्वास्थ्य ढांचे की कमजोरी का खुलासा
हरियाणा के अस्पतालों में मेडिकल और पैरामेडिकल स्टाफ की भारी कमी है। सैलजा ने बताया कि कई अस्पतालों में विशेषज्ञों की कमी है, जैसे कि रेडियोलॉजिस्ट और पैथोलॉजिस्ट। कुछ उप-स्वास्थ्य केंद्र केवल फार्मासिस्टों के सहारे चल रहे हैं, जबकि डॉक्टरों के पद भी खाली पड़े हैं।
यह स्थिति ग्रामीण मरीजों के लिए सबसे बड़ी चुनौती बन गई है। सैलजा ने सरकार से तुरंत फार्मासिस्ट भर्ती शुरू करने की मांग की है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत नहीं किया गया, तो जनता को और समस्याओं का सामना करना पड़ेगा।