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हिमाचल प्रदेश में मानसून के कहर से बाढ़ का प्रकोप

हिमाचल प्रदेश में हाल ही में आए मानसून ने बाढ़ का प्रकोप ला दिया है, जिससे कई लोग बेघर हो गए हैं और कुछ की जान भी चली गई है। 25 जून को हुई बारिश के बाद कुल्लू और कांगड़ा जिलों में तबाही मच गई। इस आपदा में 2 लोगों की मौत हो गई और 21 लोग लापता हैं। जानें इस स्थिति के बारे में और अधिक जानकारी और प्रभावित क्षेत्रों के हालात।
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हिमाचल प्रदेश में मानसून के कहर से बाढ़ का प्रकोप

हिमाचल प्रदेश में बाढ़ की स्थिति

हिमाचल प्रदेश में बाढ़:  जैसे ही मानसून ने हिमाचल प्रदेश में कदम रखा, तबाही का मंजर सामने आया। 25 जून को, मानसून ने कुल्लू और कांगड़ा जिलों में कई घरों को नुकसान पहुंचाया, जिससे कई परिवार बेघर हो गए। बारिश के कारण अचानक बाढ़ आई, जिससे लोग, वाहन, पुल और घर बह गए। इस आपदा में 24 घंटे के भीतर 2 लोगों की जान चली गई और 21 लोग लापता हो गए।


बाढ़ में लापता और मृतक

पानी में बहती लाशें

बुधवार को कुल्लू जिले के सैंज में एक पिता-पुत्री और एक अन्य महिला बाढ़ में बह गईं। धर्मशाला के खनियारा क्षेत्र में, मगुनी खड्ड में हाइड्रो प्रोजेक्ट के 15 से 20 श्रमिक भी बाढ़ में फंस गए। इस दौरान, पानी में 2 शव भी दिखाई दिए हैं, जिन्हें निकाल लिया गया है। राज्य में मानसून की शुरुआत के साथ ही बारिश ने स्वर्ग जैसी जगह पर आतंक मचा दिया है।


बादल फटने से बाढ़ का कारण

बादल फटने से हुआ नुक्सान

मनाली के सैंज, बंजार, तीर्थन, सोलंगनाला और कुल्लू की मणिकर्ण घाटी में बादल फटने से नदी-नाले उफान पर आ गए। सैंज में जीवा नाला उफान पर आ गया, जिससे हाइड्रो प्रोजेक्ट के शेड बह गए। एक घर बाढ़ की चपेट में आ गया, जिसमें एक पिता, बेटी और उनका रिश्तेदार लापता हो गए। इस घटना में छोटे भाई और पिता बाल-बाल बच गए।