कैंपबेल सूप कंपनी के वाइस प्रेसिडेंट के नस्लभेदी कमेंट्स से मचा हंगामा
कैंपबेल सूप कंपनी विवाद में फंसी
नई दिल्ली: कैंपबेल सूप कंपनी इन दिनों गंभीर विवादों का सामना कर रही है। कंपनी के वाइस प्रेसिडेंट और चीफ इन्फॉर्मेशन सिक्योरिटी ऑफिसर, मार्टिन बैली, के नस्लभेदी और अपमानजनक टिप्पणियों के चलते कर्मचारियों और आम जनता में आक्रोश फैल गया है। रिकॉर्डिंग में बैली ने भारतीय कर्मचारियों, ग्राहकों और कंपनी के उत्पादों के बारे में अपमानजनक भाषा का प्रयोग किया है।
भारतीयों पर नस्लभेदी टिप्पणियाँ
यह ऑडियो पिछले वर्ष रॉबर्ट गार्जा द्वारा रिकॉर्ड किया गया था, जो उस समय कैंपबेल सूप कंपनी में साइबर सिक्योरिटी एनालिस्ट थे। सैलरी समीक्षा के दौरान बैली ने भारतीय कर्मचारियों के खिलाफ नस्लभेदी टिप्पणियाँ कीं।
रिकॉर्डिंग में बैली ने कहा कि 'F***ing इंडियंस को कुछ भी नहीं पता। वे अपने लिए सोच भी नहीं सकते।' इन टिप्पणियों ने भारतीय कर्मचारियों में गहरा आक्रोश पैदा किया है।
ग्राहकों और उत्पादों का अपमान
बैली ने कंपनी के उपभोक्ताओं का मजाक उड़ाते हुए उन्हें गरीब बताया और उत्पादों को बकवास करार दिया। उन्होंने कहा कि 'हमारे पास गरीब लोगों के लिए बकवास है।' इसके अलावा, उन्होंने यह भी कहा कि कंपनी का चिकन आर्टिफिशियल और 3-D प्रिंटर से बना हो सकता है, जिससे कंपनी की छवि को नुकसान पहुंचा।
ड्रग्स के प्रभाव में काम करने की स्वीकार्यता
रिकॉर्डिंग में बैली ने यह भी स्वीकार किया कि वह कई बार ड्रग्स लेकर ऑफिस आए हैं और यह दावा किया कि जिस कर्मचारी ने इसकी शिकायत की, उसे नौकरी से निकाल दिया गया था। इस बयान ने विवाद को और बढ़ा दिया है।
पूर्व कर्मचारी का मुकदमा
रॉबर्ट गार्जा ने हाल ही में वेन काउंटी सर्किट कोर्ट में कंपनी के खिलाफ गलत तरीके से नौकरी से निकालने और प्रतिशोध का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि उन्होंने बैली के व्यवहार की रिपोर्ट की थी, जिसके 20 दिन बाद उन्हें नौकरी से निकाल दिया गया। गार्जा सितंबर 2024 से बैली के साथ कंपनी के कैमडेन, न्यू जर्सी हेडक्वार्टर में काम कर रहे थे।
कंपनी की प्रतिक्रिया
जैसे-जैसे विवाद बढ़ा, कंपनी ने बैली को कुछ समय के लिए छुट्टी पर भेज दिया। कंपनी ने कहा कि यदि ये टिप्पणियाँ सच हैं, तो वे पूरी तरह अस्वीकार्य हैं और हमारी वैल्यूज और कंपनी संस्कृति के खिलाफ हैं। उन्होंने अपने उत्पादों की गुणवत्ता पर उठे सवालों को बेतुका बताया और कहा कि उन्हें अपने खाने और कर्मचारियों पर गर्व है।
जांच की मांग
सोशल मीडिया और कंपनी के कर्मचारियों में इस खुलासे के बाद भारी गुस्सा है। सवाल उठ रहे हैं कि इतने सीनियर पद पर बैठे अधिकारी द्वारा ऐसी भाषा का इस्तेमाल कैसे किया गया और कंपनी ने पहले कार्रवाई क्यों नहीं की। अब मुकदमे और आंतरिक जांच के बाद बैली के व्यवहार और कंपनी की जवाबदेही पर और भी गहराई से सवाल उठाए जा रहे हैं।
