चीन ने सुपरफास्ट मैग्लेव ट्रेन से बनाया नया विश्व रिकॉर्ड
चीन की नई उपलब्धि
नई दिल्ली: चीन ने परिवहन तकनीक में एक नया मील का पत्थर स्थापित किया है। वैज्ञानिकों ने सुपरफास्ट मैग्लेव ट्रेन का सफल परीक्षण करते हुए मात्र दो सेकंड में 700 किलोमीटर प्रति घंटे की गति प्राप्त की है। यह ट्रेन इतनी तेज है कि यह आंखों के झपकने से भी आगे निकल जाती है।
इस उपलब्धि ने भविष्य की उच्च गति यात्रा के लिए नई संभावनाएं खोली हैं। यह ऐतिहासिक परीक्षण चीन की नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ डिफेंस टेक्नोलॉजी के शोधकर्ताओं द्वारा किया गया। परीक्षण के दौरान, लगभग एक टन वजनी मैग्लेव वाहन को 400 मीटर लंबे ट्रैक पर चलाया गया। कुछ ही क्षणों में, ट्रेन ने 700 किलोमीटर प्रति घंटे की गति प्राप्त की और फिर सुरक्षित रूप से रुक गई।
देखें वीडियो
देखें वीडियो
🇨🇳China leads the future!
— Shen Shiwei 沈诗伟 (@shen_shiwei) December 25, 2025
🇨🇳🚄China set a global record by accelerating a ton-scale test maglev to 700 kilometers per hour in just two seconds.
Dedicated to maglev research for 10 years, the Chinese technicians have overcome core technical challenges. pic.twitter.com/F1Mv8dUZvc
कैसी दिखती है ये ट्रेन?
कैसी दिखती है ये ट्रेन?
इसे अब तक की सबसे तेज सुपरकंडक्टिंग इलेक्ट्रिक मैग्लेव ट्रेन माना जा रहा है। वीडियो में ट्रेन चांदी की बिजली की तरह ट्रैक पर दौड़ती नजर आती है। तेज गति के कारण ट्रेन के पीछे हल्की धुंध सी बनती दिखाई देती है, जो दृश्य को किसी विज्ञान-फिक्शन फिल्म जैसा बनाती है।
हवा में कैसे तैरती है ये ट्रेन?
हवा में कैसे तैरती है ये ट्रेन?
यह मैग्लेव ट्रेन सुपरकंडक्टिंग मैग्नेट की सहायता से ट्रैक के ऊपर हवा में तैरती है। ट्रेन का ट्रैक से कोई सीधा संपर्क नहीं होता है।
मैग्नेटिक सिस्टम न केवल ट्रेन को ऊपर उठाता है बल्कि उसे आगे की ओर धकेलता भी है। इसी तकनीक के कारण घर्षण लगभग समाप्त हो जाता है और गति अत्यधिक बढ़ जाती है।
विशेषज्ञों का मानना है कि इस तकनीक की शक्ति इतनी अधिक है कि इससे रॉकेट भी लॉन्च किए जा सकते हैं। भविष्य में इस मैग्लेव सिस्टम की मदद से शहरों के बीच की दूरी मिनटों में तय की जा सकेगी। यह तकनीक हाइपरलूप जैसी भविष्य की परिवहन प्रणालियों की नींव भी रखती है।
कहां-कहां किया जा सकता है इसका उपयोग?
कहां-कहां किया जा सकता है इसका उपयोग?
साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट के अनुसार, इस सिस्टम ने अल्ट्रा हाई स्पीड इलेक्ट्रोमैग्नेटिक प्रोपल्शन जैसी तकनीकी चुनौतियों को हल किया है। इसका उपयोग अंतरिक्ष और एविएशन सेक्टर में भी किया जा सकता है। इससे विमानों और रॉकेट्स को तेज, सुरक्षित और कम खर्चीला बनाया जा सकेगा।
प्रोफेसर ली जी ने क्या बताया?
प्रोफेसर ली जी ने क्या बताया?
प्रोफेसर ली जी ने कहा कि यह सफलता चीन की अल्ट्रा हाई स्पीड मैग्लेव रिसर्च को नई गति देगी। इस परियोजना पर वैज्ञानिक पिछले दस वर्षों से काम कर रहे हैं। इस साल जनवरी में इसी ट्रैक पर 648 किलोमीटर प्रति घंटे की गति हासिल की गई थी। चीन पहले ही इस तकनीक में दुनिया के अग्रणी देशों में शामिल हो चुका है।
