Newzfatafatlogo

चीन में कर्मचारी की बर्खास्तगी पर विवाद: कानूनी लड़ाई का मामला

चीन के जिआंगसू प्रांत में एक कर्मचारी की बर्खास्तगी का मामला चर्चा का विषय बन गया है। चेन नामक कर्मचारी ने बीमारी की छुट्टी ली, जिसके बाद उसे नौकरी से निकाल दिया गया। इस मामले में अदालत ने चेन के पक्ष में फैसला सुनाया, यह साबित करते हुए कि उसकी छुट्टी उचित थी। जानें इस कानूनी लड़ाई के बारे में और कैसे कंपनी ने अदालत में चुनौती दी।
 | 
चीन में कर्मचारी की बर्खास्तगी पर विवाद: कानूनी लड़ाई का मामला

नई दिल्ली: कर्मचारियों के अधिकारों पर बहस

नई दिल्ली: चीन के जिआंगसू प्रांत में एक हालिया घटना ने कर्मचारियों के अधिकारों को लेकर नई बहस को जन्म दिया है। यह मामला एक ऐसे कर्मचारी से संबंधित है जिसे बीमारी की छुट्टी लेने के बाद नौकरी से निकाल दिया गया। न्याय मंत्रालय ने 29 अक्टूबर को इस मामले को फिर से उजागर किया, जिसके बाद सोशल मीडिया पर नियोक्ता और कर्मचारियों के अधिकारों पर चर्चा तेज हो गई।


मामले का विवरण

यह मामला चेन नामक एक कर्मचारी से जुड़ा है, जो जिआंगसू की एक कंपनी में कार्यरत था। फरवरी और मार्च 2019 में उसे काम करते समय पीठ में खिंचाव आ गया, जिसके कारण उसने दो बार बीमारी की छुट्टी ली। उसने अस्पताल से प्राप्त मेडिकल प्रमाणपत्र भी प्रस्तुत किए और उसकी छुट्टी स्वीकृत हो गई। लगभग एक महीने बाद, जब वह वापस आया, तो कुछ घंटों बाद ही उसे फिर से छुट्टी की आवश्यकता पड़ी। इस बार उसने बताया कि उसके दाहिने पैर में दर्द है। डॉक्टर ने उसे एक हफ्ते आराम करने की सलाह दी, और बाद में जांच में पता चला कि उसकी एड़ी में चोट है।


कंपनी का संदेह और विवाद की शुरुआत

चेन ने अपनी बीमारी की छुट्टी को कई दिनों तक बढ़ाया, जिससे कंपनी को संदेह हुआ कि वह झूठ बोल रहा है। कंपनी ने उसे नए मेडिकल दस्तावेज लाने के लिए बुलाया, लेकिन जब वह वहां पहुंचा, तो सुरक्षा गार्ड ने उसे अंदर नहीं जाने दिया। कुछ दिनों बाद, कंपनी ने उसे अनुपस्थिति और झूठ बोलने के आरोप में नौकरी से निकाल दिया।


कानूनी लड़ाई और सबूतों की जंग

नौकरी से निकाले जाने के बाद, चेन ने श्रम अदालत में शिकायत दर्ज की। उसने कहा कि उसके पास सभी मेडिकल सबूत हैं और उसकी छुट्टी पूरी तरह से उचित थी। जांच के बाद अधिकारियों ने चेन के पक्ष में फैसला सुनाया और कंपनी को लगभग 1,18,779 युआन (लगभग 16,700 अमेरिकी डॉलर) का मुआवजा देने का आदेश दिया।

हालांकि, कंपनी ने इस फैसले को अदालत में चुनौती दी। उसने निगरानी कैमरे के फुटेज प्रस्तुत किए जिसमें चेन को दौड़ते हुए देखा गया और चैट रिकॉर्ड भी पेश किए, जिनसे यह दावा किया गया कि उसी दिन उसने 16,000 से अधिक कदम चले थे।


अदालत का अंतिम निर्णय

लंबी सुनवाई के बाद, अदालत ने पाया कि कंपनी के पास यह साबित करने के लिए पर्याप्त सबूत नहीं हैं कि चेन ने झूठ बोला था। मेडिकल रिपोर्ट और दस्तावेजों से यह स्पष्ट हुआ कि वह वास्तव में घायल था। अदालत ने कंपनी की बर्खास्तगी को अवैध ठहराया और चेन को मुआवजा देने का आदेश बनाए रखा।