झांसी में ट्रेन में वेंडर द्वारा यात्री की पिटाई, सुरक्षा पर उठे सवाल
झांसी में ट्रेन में हुई घटना
झांसी: एक युवक को ट्रेन में मामूली विवाद के बाद वेंडर ने बेल्ट से बुरी तरह पीटा। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद हड़कंप मच गया।
वेंडर का हमला
घटना झांसी मंडल की एक ट्रेन में हुई, जहां वेंडर ने अतिरिक्त पैसे मांगने पर यात्री पर हमला कर दिया। युवक निहाल ने वेंडर से उचित मूल्य चुकाया था, लेकिन जब उसने अतिरिक्त पैसे देने से इनकार किया, तो वेंडर नाराज होकर बोगी से बाहर चला गया। कुछ समय बाद, वह बेल्ट लेकर वापस आया और उसके साथ कुछ अन्य युवक भी थे। ट्रेन में अफरातफरी मच गई, लेकिन कोई रेलवे कर्मचारी वहां मौजूद नहीं था।
वीडियो के वायरल होने से हड़कंप
एक यात्री ने इस घटना का वीडियो रिकॉर्ड किया, जिसमें वेंडर निहाल पर बेल्ट से हमला करते हुए दिखाई दे रहा है। युवक फर्श पर गिरकर खुद को बचाने की कोशिश कर रहा है। वीडियो वायरल होते ही यात्रियों ने रेलवे प्रशासन पर सवाल उठाए। सोशल मीडिया पर लोगों ने लिखा, 'क्या रेलवे में सफर करते समय बेल्ट मुफ्त में मिलती है?' इस वीडियो ने सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए।
पुलिस ने शिकायत दर्ज करने से किया इनकार
जब ट्रेन बीना स्टेशन पहुंची, तो निहाल जीआरपी थाने गया और शिकायत दर्ज कराने की कोशिश की। लेकिन पुलिस ने उसे बताया कि उसे ग्वालियर पेशी पर जाना होगा, तभी एफआईआर दर्ज होगी। निहाल ने वीडियो सबूत दिखाए और बताया कि वह छात्र है, फिर भी पुलिस ने रिपोर्ट नहीं लिखी। इस रवैये ने लोगों में और गुस्सा पैदा कर दिया। यात्रियों का कहना है कि अगर वीडियो सामने नहीं आता, तो मामला दबा दिया जाता।
रेलवे प्रशासन की प्रतिक्रिया
घटना के वायरल होने के बाद झांसी मंडल के जनसंपर्क अधिकारी मनोज कुमार सिंह ने कहा कि मामला उनके संज्ञान में है। उन्होंने कहा कि जीआरपी को उचित कार्रवाई करनी चाहिए थी और शिकायत दर्ज न करने की जांच कराई जाएगी। उन्होंने आश्वासन दिया कि दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। रेलवे ने वेंडर की पहचान शुरू कर दी है और सुरक्षा एजेंसियों को निर्देश दिए हैं कि भविष्य में ऐसी घटनाओं को सख्ती से रोका जाए।
यात्रियों की सुरक्षा पर सवाल
यह घटना एक बार फिर रेलवे में यात्रियों की सुरक्षा पर सवाल खड़े कर रही है। ट्रेन में स्टाफ की अनुपस्थिति और जीआरपी की लापरवाही ने यह स्पष्ट कर दिया है कि आम यात्री कितने असुरक्षित हैं। यात्रियों का कहना है कि जब तक ऐसी घटनाओं पर त्वरित कार्रवाई नहीं होती, तब तक रेलवे की सुरक्षा पर भरोसा करना मुश्किल है।
