Newzfatafatlogo

तमिलनाडु रेलवे स्टेशन पर बहादुरी से बचाई गई महिला यात्री की जान

तमिलनाडु के तांबरम रेलवे स्टेशन पर एक रेलवे कर्मचारी ने एक महिला यात्री की जान बचाई, जब वह एक चलती ट्रेन में चढ़ने की कोशिश करते समय फिसल गई। नितिश कुमार की त्वरित कार्रवाई ने एक गंभीर दुर्घटना को टाल दिया। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जिसमें लोगों ने नितिश की बहादुरी की सराहना की है। हालांकि, कुछ उपयोगकर्ताओं ने सुरक्षा संबंधी चिंताओं को भी उठाया है। जानें इस दिलचस्प घटना के बारे में।
 | 
तमिलनाडु रेलवे स्टेशन पर बहादुरी से बचाई गई महिला यात्री की जान

महिला यात्री की जान बचाने वाला रेलवे कर्मचारी


नई दिल्ली: 20 दिसंबर, 2025 को तमिलनाडु के तांबरम रेलवे स्टेशन पर एक रेलवे कर्मचारी की चतुराई और साहस ने एक गंभीर दुर्घटना को टाल दिया। यह घटना एक महिला यात्री के साथ हुई, जो एक लोकल ट्रेन में चढ़ने का प्रयास करते समय फिसल गई, जबकि ट्रेन पहले ही चल चुकी थी। नितिश कुमार, जो टिकट चेकिंग स्टाफ (CCTC/TBM) के रूप में कार्यरत हैं, ने सही समय पर कदम उठाकर उसकी जान बचाई।


दक्षिणी रेलवे के आधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल पर साझा की गई एक पोस्ट के अनुसार, महिला EMU लोकल ट्रेन में चढ़ने की कोशिश करते समय अपना संतुलन खो बैठी। कुछ ही क्षणों में, वह चलती ट्रेन के बेहद करीब फिसल गई। इस खतरनाक स्थिति को देखते हुए, नितिश कुमार ने तुरंत आगे बढ़कर उसे खींचकर प्लेटफॉर्म पर वापस लाया, जिससे एक दुखद घटना टल गई।




सोशल मीडिया पर वायरल हुआ वीडियो

दक्षिणी रेलवे ने नितिश कुमार की सतर्कता और यात्रियों की सुरक्षा के प्रति उनके समर्पण की सराहना की। रेलवे प्राधिकरण ने उनके कार्य को कर्तव्यनिष्ठा और जिम्मेदार सेवा का एक उत्कृष्ट उदाहरण बताया। इस घटना का एक वीडियो भी ऑनलाइन साझा किया गया, जो तेजी से वायरल हो गया और इसे बड़ी संख्या में लोगों ने देखा।


लोगों की प्रतिक्रियाएँ

सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं ने इस बचाव कार्य को साहसिक और दिल को छू लेने वाला बताया। कई लोगों ने नितिश कुमार की प्रशंसा की, जिन्होंने एक यात्री की जान बचाने के लिए अपनी जान जोखिम में डाली। एक यूजर ने लिखा, 'EMU ट्रेनें 'शैतान की गति से चलती हैं, लेकिन स्टाफ सदस्य की त्वरित कार्रवाई ऐसी लगी जैसे उसे किसी दैवीय शक्ति ने निर्देशित किया हो'। एक अन्य यूजर ने मजाक में कहा, 'जिस महिला को बचाया गया, उसे उनके सम्मान में दावत देनी चाहिए।'


सुरक्षा संबंधी चिंताएँ

हालांकि, कुछ उपयोगकर्ताओं ने सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंताएँ भी व्यक्त कीं। एक व्यक्ति ने उपनगरीय ट्रेनों में ऑटोमैटिक दरवाजे बंद करने की प्रणालियों की तत्काल आवश्यकता पर जोर दिया, यह कहते हुए कि ऐसी घटनाएँ आम हैं। एक अन्य यूजर ने प्लेटफॉर्म और ट्रेन के फर्श के बीच चौड़े गैप की समस्या पर ध्यान दिया, जो 200 से 450 मिमी तक हो सकता है। उन्होंने कहा कि असली सुरक्षा बेहतर बुनियादी ढांचे से आनी चाहिए, न कि केवल अंतिम क्षण की वीरता से।