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नोएडा की आईटी कंपनी में इंटर्न की मांग पर CEO का विवादास्पद बयान

नोएडा की एक आईटी सेवा कंपनी में एक इंटर्न की साधारण मांग ने CEO के विवादास्पद बयान के बाद सोशल मीडिया पर हलचल मचा दी है। CEO ने कहा कि वह दो इंटर्न की कीमत में कॉफी मशीन पर खर्च नहीं करेंगे, जिससे कर्मचारियों में असंतोष फैल गया। इस घटना ने भारतीय कंपनियों में इंटर्न के प्रति सम्मान और कार्य संस्कृति पर गंभीर सवाल उठाए हैं। जानें इस विवाद की पूरी कहानी और सोशल मीडिया पर आई प्रतिक्रियाएं।
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नोएडा की आईटी कंपनी में इंटर्न की मांग पर CEO का विवादास्पद बयान

सोशल मीडिया पर छाया विवाद


नई दिल्ली: हाल के दिनों में कॉर्पोरेट क्षेत्र से लगातार नई घटनाएं सामने आ रही हैं। हाल ही में नोएडा स्थित एक आईटी सेवा कंपनी में एक इंटर्न की साधारण मांग ने सोशल मीडिया पर हलचल मचा दी। इस मामले में CEO द्वारा दिया गया एक कथित बयान न केवल इंटर्न को चौंका गया, बल्कि इस पर इंटरनेट पर तीखी बहस भी शुरू हो गई।


विवाद की शुरुआत कैसे हुई?

रेडिट पर एक कर्मचारी द्वारा साझा किए गए एक पोस्ट में बताया गया कि हाल ही में कंपनी में शामिल हुए इंटर्न, जो लो-लेवल टियर-1 और अच्छे टियर-2 कॉलेजों से आए थे, ने ऑफिस में कॉफी मशीन लगाने का अनुरोध किया। प्रशिक्षण के दौरान वे नए माहौल में ढलने की कोशिश कर रहे थे, तभी उन्होंने CEO से यह सुझाव दिया।


लेकिन CEO का जवाब सभी को चौंका देने वाला था। पोस्ट के अनुसार, CEO ने कहा, '50,000 में तो मैं दो इंटर्न खरीद लूं, फिर कॉफी मशीन पर इतना खर्च क्यों करूं?' यह सुनकर इंटर्न और अन्य कर्मचारियों में सन्नाटा छा गया। जैसे ही यह पोस्ट वायरल हुआ, यूज़र्स ने कंपनी की कार्य संस्कृति और इंटर्न के प्रति इस कथित असम्मानजनक रवैये पर सवाल उठाने शुरू कर दिए।


सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाओं की बाढ़

पोस्ट पर हजारों टिप्पणियाँ आईं, जिनमें से अधिकांश ने CEO की टिप्पणी को 'अनुचित', 'असम्मानजनक' और 'विषाक्त कार्य संस्कृति का उदाहरण' बताया। कई यूजर्स ने चिंता जताई कि यदि कंपनियां कर्मचारियों को लागत-लाभ के दृष्टिकोण से देखने लगेंगी, तो भारतीय टेक इंडस्ट्री की प्रगति पर गंभीर असर पड़ सकता है।


एक यूजर ने लिखा, 'शायद CEO को इंटर्न से आने वाले राजस्व में ज्यादा दिलचस्पी है।' दूसरे ने कहा, 'इसी वजह से हम टेक्नोलॉजी में अमेरिका और चीन से पीछे रह जाते हैं।' एक और यूजर ने टिप्पणी की, 'जहरीला या अनैतिक व्यवहार कुछ समय के लिए फायदेमंद हो सकता है, लेकिन इससे भविष्य बिगड़ता है और निवेशकों का भरोसा भी टूटता है।'


इंटर्न वैल्यू सिस्टम पर उठे सवाल

इस घटना ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि भारतीय कंपनियों में इंटर्न को कितनी अहमियत दी जाती है। कई यूज़र्स का कहना था कि इंटर्न को 'कम लागत वाले संसाधन' के रूप में देखना न केवल अनैतिक है, बल्कि इससे प्रतिभाशाली युवाओं का मनोबल भी गिरता है। यह घटना भले ही कॉफी मशीन के मुद्दे से शुरू हुई हो, लेकिन इसने कॉर्पोरेट संस्कृति और कर्मचारियों की गरिमा पर गंभीर बहस को जन्म दिया है।