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भारतीय व्यक्ति ने 1638 क्रेडिट कार्ड्स का अनोखा रिकॉर्ड बनाया

मनीष धमेजा ने 1638 क्रेडिट कार्ड्स के साथ एक नया गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया है। वह इन कार्ड्स का उपयोग कैशबैक और रिवॉर्ड पॉइंट्स के लिए करते हैं, बिना किसी कर्ज के। जानें कैसे उन्होंने संकट के समय में भी इनका लाभ उठाया और अपनी शिक्षा के बारे में।
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भारतीय व्यक्ति ने 1638 क्रेडिट कार्ड्स का अनोखा रिकॉर्ड बनाया

भारतीय व्यक्ति के पास 1638 क्रेडिट कार्ड


भारतीय व्यक्ति के पास 1638 क्रेडिट कार्ड: अधिकतर लोग क्रेडिट कार्ड का उपयोग केवल खरीदारी या बिलों के भुगतान के लिए करते हैं। लेकिन मनीष धमेजा ने इसको एक नई दिशा में ले जाकर गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में अपना नाम दर्ज कराया है।


30 अप्रैल, 2021 को मनीष ने 1,638 वैध क्रेडिट कार्ड्स के साथ एक नया रिकॉर्ड स्थापित किया, जो किसी व्यक्ति के पास अब तक की सबसे बड़ी संख्या है। और सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि उन पर कोई कर्ज नहीं है। वह इन कार्ड्स का उपयोग कैशबैक, रिवॉर्ड पॉइंट्स, एयर माइल्स और अन्य मुफ्त लाभ प्राप्त करने के लिए करते हैं, साथ ही अपने बैलेंस को हमेशा जीरो रखते हैं।




कैसे करते हैं मनीष इसका उपयोग?

मनीष केवल क्रेडिट कार्ड्स इकट्ठा नहीं कर रहे हैं, बल्कि उनका उपयोग पैसे कमाने और शानदार जीवन जीने के लिए भी कर रहे हैं। मुफ्त हवाई टिकट, होटल में ठहरने, शॉपिंग वाउचर, मूवी टिकट, गोल्फ सेशन और स्पा ट्रीटमेंट जैसी सुविधाओं का वह पूरा लाभ उठाते हैं।


वह कहते हैं, 'क्रेडिट कार्ड के बिना मेरी जिंदगी अधूरी होती। मुझे क्रेडिट कार्ड्स बहुत पसंद हैं।' मनीष मुफ्त यात्रा, एयरपोर्ट लाउंज, भोजन, ईंधन और अन्य लाभ प्राप्त करते हैं, बस खर्च की सीमा को पूरा करके और रिवॉर्ड सिस्टम का समझदारी से उपयोग करके।


संकट के समय में क्रेडिट कार्ड का सहारा

मनीष ने बताया कि भारत में कठिन समय में क्रेडिट कार्ड ने उनकी कैसे मदद की। 2016 में, सरकार ने काले धन के खिलाफ लड़ाई में 500 और 1000 रुपये के नोटों पर प्रतिबंध लगा दिया था, जिससे नकदी की भारी कमी हो गई थी।


मनीष का अनुभव

उन्होंने कहा, 'उस समय, क्रेडिट कार्ड ने मेरे जीवन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। मुझे नकदी के लिए भागदौड़ नहीं करनी पड़ी। मैं बस डिजिटल तरीके से खर्च करने का आनंद ले रहा था।'


मनीष की शिक्षा और सफलता

मनीष न केवल वित्तीय रूप से समझदार हैं, बल्कि उच्च शिक्षित भी हैं। उन्होंने सीएसजेएम यूनिवर्सिटी, कानपुर से भौतिकी, रसायन विज्ञान और गणित में स्नातक की डिग्री प्राप्त की, फिर इंटीग्रल यूनिवर्सिटी, लखनऊ से एमसीए की डिग्री हासिल की। इसके बाद, उन्होंने इग्नू से मास्टर ऑफ सोशल वर्क की डिग्री प्राप्त की।


उनकी कहानी इस बात का एक उत्कृष्ट उदाहरण है कि कैसे योजना, ज्ञान और तकनीक का स्मार्ट उपयोग किसी साधारण चीज जैसे क्रेडिट कार्ड को सफलता का एक शक्तिशाली साधन बना सकता है।