लंदन की टेम्स नदी में पैर धोने का वीडियो बना विवाद का विषय
सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो
एक व्यक्ति का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से फैल रहा है, जिसमें वह लंदन की Thames नदी में अपने पैरों को धोते हुए नजर आ रहा है.
लोगों की प्रतिक्रियाएं
इस वीडियो को X पर साझा किया गया, जिसमें लिखा गया, 'लंदन की टेम्स नदी में एक भारतीय व्यक्ति को पैर धोते देख लोग नाराज हैं। भारतीय इस तरह की हरकतें क्यों कर रहे हैं?' वायरल होने के बाद, लोग यह जानने के लिए उत्सुक हैं कि क्या ऐसा करना उचित है या यह कानून का उल्लंघन है.
सोशल मीडिया पर विभाजन
वीडियो के वायरल होते ही सोशल मीडिया उपयोगकर्ता दो समूहों में बंट गए। कुछ ने इसे असंवेदनशील और अनुचित बताया, जबकि अन्य ने इसे हानिकारक नहीं माना। एक उपयोगकर्ता ने कहा, 'नदी का पानी साफ नहीं है, इसलिए कुछ धोना सुरक्षित नहीं है।' वहीं, कई लोगों ने यह सवाल उठाया कि क्या पैरों को नदी में डुबाना गैरकानूनी है.
व्यक्ति की पहचान पर बहस
वीडियो में दिख रहे व्यक्ति की पहचान भी चर्चा का विषय बन गई है। कुछ लोगों का कहना है कि वह भारतीय है, जबकि अन्य का मानना है कि पड़ोसी देशों के लोग भी ऐसे दिखते हैं। एक उपयोगकर्ता ने लिखा, 'अगर आप खुद भारतीय हैं, तो भारत की छवि को नुकसान पहुंचाने वाले निष्कर्ष मत निकालिए।' यह बहस पहचान और सांस्कृतिक संवेदनशीलता के मुद्दों को उजागर कर रही है.
पर्यावरणीय चिंताएं
कुछ लोग टेम्स नदी की सफाई और पानी की गुणवत्ता को लेकर चिंतित हैं। यह नदी लंदन के प्रमुख पर्यटन स्थलों के पास बहती है, जैसे कि Parliament, London Eye और Tower Bridge। River Action की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि नदी में E.coli का स्तर अत्यधिक है, जो Environment Agency की 'poor' बाथिंग वॉटर सीमा से 10 गुना अधिक है, जिससे स्वास्थ्य और सुरक्षा पर सवाल उठ रहे हैं.
नदी में गतिविधियों पर चर्चा
Thames नदी में तैराकी, कयाकिंग और पैडलबोर्डिंग जैसी गतिविधियां आम हैं। कई लोगों का मानना है कि पैरों को धोने को लेकर अधिक विवाद खड़ा करना उचित नहीं है। वीडियो ने नदी की सुरक्षा, प्रदूषण और व्यक्तिगत व्यवहार पर बहस को और तेज कर दिया है.
स्वच्छता और सुरक्षा नियमों पर चर्चा
वीडियो के वायरल होने के बाद, सोशल मीडिया पर लोग नदी में पैरों को धोने की अनुमति, स्वच्छता और सुरक्षा नियमों पर चर्चा कर रहे हैं। Thames नदी में उच्च E.coli स्तर और प्रदूषण के कारण यह बहस और भी महत्वपूर्ण हो गई है.
