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वेटिकन सिटी में सेंट पीटर्स बेसिलिका में अजीब घटना

वेटिकन सिटी के सेंट पीटर्स बेसिलिका में एक व्यक्ति ने प्रार्थना के समय वेदी पर पेशाब कर दिया, जिससे श्रद्धालुओं में हड़कंप मच गया। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। वेटिकन के अधिकारियों ने अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है, लेकिन पोप लियो को इस घटना की जानकारी दी गई है। जानें इस चौंकाने वाली घटना के बारे में और क्या हुआ।
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वेटिकन सिटी में सेंट पीटर्स बेसिलिका में अजीब घटना

वेटिकन चर्च में विवादास्पद घटना


वेटिकन चर्च: ईसाई धर्म में वेटिकन सिटी को सबसे पवित्र स्थान माना जाता है। हालाँकि, हाल ही में इस पवित्र शहर से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है। सेंट पीटर्स बेसिलिका चर्च में, एक व्यक्ति ने सुबह की प्रार्थना के दौरान वेदी पर पेशाब कर दिया। यह स्थान संत पीटर की कब्र के लिए प्रसिद्ध है, जहाँ हर साल लाखों श्रद्धालु आते हैं।


10 अक्टूबर को, सेंट पीटर्स बेसिलिका में सैकड़ों पर्यटक सुबह लगभग 9 बजे पवित्र प्रार्थना में शामिल होने के लिए आए थे। तभी एक अज्ञात व्यक्ति सुरक्षा घेरा तोड़कर बैरिकेड तक पहुँच गया और कन्फेशन ऑल्टर पर पेशाब करने लगा। यह दृश्य देखकर वहाँ उपस्थित सभी लोग हैरान रह गए। इस घटना का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है।


सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो

सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल


इस घटना के वायरल वीडियो में देखा जा सकता है कि आरोपी पहले पेशाब करता है और फिर अपनी पैंट ऊपर खींचता है। इसके बाद वह वहाँ मौजूद लोगों को अपनी नंगी पीठ दिखाता है, जिसे देखकर लोग कुछ समय के लिए स्तब्ध रह जाते हैं। हालांकि, इसके तुरंत बाद सुरक्षा कर्मचारी वहाँ पहुँचते हैं और उस व्यक्ति को बाहर निकालते हैं। वेटिकन के अधिकारियों की ओर से इस घटना पर अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। कुछ स्थानीय रिपोर्टों के अनुसार, पोप लियो को इस घटना की जानकारी दी गई है और वे भी इस खबर से चकित हैं।




पिछली घटनाएँ

इससे पहले भी कई घटना


इस घटना ने लोगों में चिंता पैदा कर दी है। कैथोलिक समाचार एजेंसी के अनुसार, इससे पहले फरवरी में एक व्यक्ति ने उसी ऑल्टर से संबंधित वस्तुओं को नुकसान पहुँचाने की कोशिश की थी। वेटिकन के प्रवक्ता ने उस व्यक्ति को मानसिक रूप से विकलांग बताते हुए शिकायत दर्ज करवाई थी और उसे हिरासत में लिया गया था। वेटिकन के नियमों के अनुसार, इसे गंभीर कृत्य माना जाएगा, क्योंकि इससे श्रद्धालुओं की भावनाओं को ठेस पहुँच सकती है, जो पवित्रता के नियमों के खिलाफ है।