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सियाचिन में हिमालयी भालू की जान बचाने वाले सैनिकों का वीडियो हुआ वायरल

सियाचिन की बर्फीली ऊंचाइयों में एक पुराना वीडियो फिर से चर्चा में है, जिसमें भारतीय सेना के जवान एक हिमालयी भालू को बचाते हुए नजर आ रहे हैं। इस वीडियो को भारतीय वन सेवा के अधिकारी परवीन कसवान ने साझा किया, जिसने सोशल मीडिया पर लोगों की मिश्रित प्रतिक्रियाएं उत्पन्न कीं। कुछ ने सेना की सराहना की, जबकि अन्य ने भालू के सिर में फंसे कनस्तर के बारे में सवाल उठाए। जानें इस घटना के पीछे की कहानी और लोगों की प्रतिक्रियाएं।
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सियाचिन में हिमालयी भालू की जान बचाने वाले सैनिकों का वीडियो हुआ वायरल

सियाचिन का वायरल वीडियो


सियाचिन की बर्फीली ऊंचाइयों से एक पुराना वीडियो फिर से चर्चा का विषय बन गया है। इस वीडियो में भारतीय सेना के जवान एक हिमालयी भालू को बचाते हुए दिखाई दे रहे हैं, जिसका सिर एक टिन के कनस्तर में फंसा हुआ था। यह वीडियो हाल ही में सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जब भारतीय वन सेवा के अधिकारी परवीन कसवान ने इसे एक्स (पूर्व ट्विटर) पर साझा किया और सेना के मानवीय प्रयासों की सराहना की। इस वीडियो ने लोगों में मिश्रित प्रतिक्रियाएं उत्पन्न की हैं।


सेना की मानवीयता का उदाहरण

वीडियो में देखा जा सकता है कि सियाचिन की बर्फ से ढकी घाटी में कुछ सैनिक एक डरे हुए भालू को बचाने की कोशिश कर रहे हैं। भालू का सिर एक टिन के कनस्तर में फंसा है, और सैनिक बड़ी सावधानी से उसे निकालने में जुटे हैं। अंततः, वे सफल होते हैं और भालू आज़ाद होकर भाग जाता है। इस मानवीय दृश्य ने सोशल मीडिया पर लाखों लोगों का दिल जीत लिया।


परवीन कसवान का भावुक पोस्ट

IFS अधिकारी परवीन कसवान ने वीडियो साझा करते हुए लिखा, "क्या खूबसूरत दृश्य है! भारतीय सेना सियाचिन में एक हिमालयी भालू की जान बचा रही है। शानदार काम।" उन्होंने सलामी के दो इमोजी भी जोड़े। उनके पोस्ट पर हजारों व्यूज़ और प्रतिक्रियाएं आईं। लोगों ने सेना की संवेदनशीलता और बहादुरी की सराहना की, खासकर इतनी कठिन परिस्थितियों में पशु को बचाने के लिए।


कनस्तर के आने पर उठे सवाल

वीडियो के वायरल होते ही कुछ लोगों ने चिंता जताई कि भालू के सिर में टिन का कनस्तर आखिर आया कैसे। रिटायर्ड IFS अधिकारी सुशांत नंदा ने लिखा, "यह खूबसूरत नहीं बल्कि चिंताजनक है। टिन के डिब्बे बतौर कचरा यहां तक कैसे पहुंचे?" कई यूजर्स ने इस घटना को पर्यावरणीय लापरवाही का नतीजा बताया और समाधान की आवश्यकता पर बल दिया।


आलोचनाएं और सराहनाएं

कुछ सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं ने यह भी कहा कि सियाचिन में आम पर्यटक नहीं जाते, इसलिए यह कचरा सेना की आपूर्ति का हिस्सा हो सकता है। एक यूजर ने लिखा, "अनुशासन सेना का सबसे बड़ा गुण है, लेकिन इस तरह खतरनाक वस्तुएं छोड़ देना बेहद गैर-जिम्मेदाराना है।" हालांकि, कई लोगों ने कहा कि आलोचना के बजाय ऐसे हादसे दोबारा न हों, इस दिशा में काम होना चाहिए।


विवादों के बीच वीडियो का एक सकारात्मक पहलू भी रहा- मानवता की मिसाल। कई यूजर्स ने कहा कि भारतीय सेना हर परिस्थिति में जीवन बचाने को तत्पर रहती है। एक यूजर ने लिखा, "शून्य से नीचे तापमान में भी सैनिकों ने अपने आराम को पीछे रखकर एक जीव की जान बचाई।" इस घटना ने दिखाया कि कठिन से कठिन हालात में भी करुणा और साहस साथ चलते हैं।