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रेवाड़ी मंडी में ई-खरीद पोर्टल की समस्या से फंसे 3 हजार क्विंटल बाजरा

रेवाड़ी मंडी में बुधवार को 3 हजार क्विंटल बाजरा आया, लेकिन किसानों को ई-खरीद पोर्टल की तकनीकी समस्याओं के कारण कई परेशानियों का सामना करना पड़ा। गेट पास जारी नहीं होने के कारण किसानों को मजबूरन अपना अनाज प्राइवेट व्यापारियों को बेचना पड़ा। मार्केट कमेटी के अनुसार, अभी भी कई किसानों का डेटा सत्यापित नहीं हुआ है, जिससे उन्हें मंडी में घंटों इंतजार करना पड़ रहा है। जानें इस स्थिति का क्या असर पड़ा है और आगे क्या उम्मीद की जा सकती है।
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रेवाड़ी मंडी में ई-खरीद पोर्टल की समस्या से फंसे 3 हजार क्विंटल बाजरा

रेवाड़ी मंडी में किसानों की परेशानियाँ

रेवाड़ी शहर की नई अनाज मंडी में बुधवार को लगभग 3 हजार क्विंटल बाजरा आया, लेकिन किसानों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ा। इसका मुख्य कारण यह था कि ई-खरीद पोर्टल पर गेट पास जारी नहीं हो सके। शाम तक केवल 13 गेट पास जारी हुए, लेकिन इन किसानों की ढेरियां सरकारी मानकों पर खरी नहीं उतरीं। नतीजतन, किसानों को मजबूरन अपना बाजरा प्राइवेट व्यापारियों को बेचना पड़ा।

 

किसानों की चिंताएँ बढ़ी

मार्केट कमेटी के अनुसार, अभी भी बड़ी संख्या में किसानों का डेटा ई-खरीद पोर्टल पर सत्यापित नहीं हुआ है। इस कारण गेट पास जारी नहीं हो पा रहे हैं और किसानों को मंडी में घंटों इंतजार करना पड़ रहा है। पहले दिन भी कोई गेट पास जारी नहीं हुआ था।

 

गेट पास की अनिवार्यता

नियमों के अनुसार, किसानों को बाजरा बेचने के लिए मेरी फसल-मेरा ब्योरा पोर्टल पर पंजीकरण कराना और ई-खरीद पोर्टल से गेट पास लेना आवश्यक है। बिना ऑनलाइन गेट पास के बिक्री करने पर किसानों को भावांतर योजना का लाभ नहीं मिलेगा। केवल उन्हीं किसानों को भावांतर मिलेगा जिनका जे-फॉर्म कटेगा।

 

अब तक की खरीदारी

मार्केट कमेटी के अधिकारियों ने बताया कि अब तक मंडी में लगभग 42 हजार क्विंटल बाजरा की खरीद हो चुकी है। शुरुआत में बाजरे की गुणवत्ता खराब थी, लेकिन अब बेहतर गुणवत्ता का बाजरा आने से कीमतें भी बढ़ने लगी हैं। हालांकि, जिन किसानों ने कम गुणवत्ता का बाजरा बेचा है, उन्हें भावांतर मिलेगा या नहीं, इस पर स्थिति अभी स्पष्ट नहीं है।

 

मानकों पर खरी नहीं उतरी ढेरियां

जानकारी के अनुसार, सरकारी एजेंसियां केवल उन्हीं ढेरियों की खरीद करेंगी जो मानकों पर खरी उतरेंगी। वर्तमान में दर 2150 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित की गई है। लेकिन बुधवार को जारी हुए गेट पास वाले किसानों की ढेरियां भी मानकों पर खरी नहीं उतरीं, जिससे उन्हें प्राइवेट व्यापारियों को कम दाम पर बेचने के लिए मजबूर होना पड़ा।

 

पोर्टल अपडेट में देरी

मार्केट कमेटी के सचिव नरेंद्र सिंह यादव ने बताया कि ई-खरीद पोर्टल पर किसानों का डेटा अभी पूरी तरह से अपलोड नहीं हुआ है। बुधवार को 13 गेट पास जारी हुए, लेकिन खरीद सरकारी मानकों पर नहीं हो पाई। उन्होंने आश्वासन दिया कि एक-दो दिन में पोर्टल पूरी तरह अपडेट हो जाएगा, जिसके बाद खरीद प्रक्रिया सामान्य हो जाएगी।