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Baba Vanga की भविष्यवाणियाँ: कोरोना वायरस पर आधा सच

बाबा वेंगा की भविष्यवाणियाँ कोरोना वायरस के संदर्भ में चर्चा का विषय बनी हुई हैं। उन्होंने भविष्यवाणी की थी कि यह बीमारी 2025 में फिर से लौटेगी, लेकिन क्या यह सच है? जानें उनके दावों की सच्चाई और स्वास्थ्य विशेषज्ञों की राय। क्या कोरोना के बढ़ते मामले गंभीर हैं या नहीं? इस लेख में जानें सभी महत्वपूर्ण पहलू।
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Baba Vanga की भविष्यवाणियाँ: कोरोना वायरस पर आधा सच

Baba Vanga की भविष्यवाणी और कोरोना वायरस

Baba Vanga Prediction on Coronavirus: बाबा वेंगा की भविष्यवाणियाँ कोरोना वायरस के संदर्भ में काफी हद तक सही साबित हुई हैं। जापान की बाबा वेंगा ने कोविड-19 का सीधे उल्लेख नहीं किया, लेकिन इसे उनकी पूर्ववर्ती खतरनाक बीमारियों से जोड़ा गया। उन्होंने भविष्यवाणी की थी कि यह बीमारी फिर से लौटेगी। 2025 में कोरोना के मामले फिर से बढ़ सकते हैं, लेकिन ये पहले की तरह जानलेवा नहीं होंगे। डॉक्टरों ने भी कहा है कि कोरोना के बढ़ते मामलों को लेकर चिंता करने की आवश्यकता नहीं है। कुल मिलाकर, बाबा वेंगा की भविष्यवाणियों पर विश्वास आस्था पर निर्भर करता है, लेकिन वैज्ञानिक दृष्टिकोण से इन्हें पूरी तरह से सही नहीं माना जा सकता।


कोरोना का आगमन और भविष्यवाणी का संबंध

कोरोना आया 2019 में, भविष्यवाणी 2020 की थी


बाबा वेंगा, जिन्हें बाल्कन का नास्त्रेदमस कहा जाता है, ने अपने जीवन में कई भविष्यवाणियाँ की हैं, लेकिन वे हमेशा अस्पष्ट रही हैं। एक भविष्यवाणी में उन्होंने कहा था कि 21वीं सदी की शुरुआत में एक घातक बीमारी या अज्ञात वायरस दुनिया में फैलेगा, जो बड़े पैमाने पर लोगों को प्रभावित करेगा। कोरोना वायरस सितंबर-अक्तूबर 2019 में आया, इसलिए इसे कोविड-19 नाम दिया गया। हालांकि, दिसंबर 2019 में चीन और उसके आस-पास के देशों में इसके मामले बढ़ने लगे, और भारत में यह 2020 की शुरुआत में आया।


भविष्यवाणी की सटीकता पर सवाल

फिर से लौटने पर क्या हुआ दावा, जो आधा सच


रयो तात्सुकी की किताब 'द फ्यूचर ऐज़ आई सी इट' में यह दावा किया गया था कि 2020 का अज्ञात वायरस फिर से और अधिक शक्तिशाली होकर लौटेगा। 2025 में कोरोना के मामले फिर से बढ़ने लगे हैं, लेकिन इनमें कोई विशेष शक्ति नहीं है। हालांकि, बीमारी के दोबारा लौटने के कारण लोग इसे बाबा वेंगा की सटीक भविष्यवाणी मानते हैं। लेकिन संबंधित भविष्यवाणी में वायरस का नाम और कई तथ्य अस्पष्ट हैं, इसलिए इसे पूरी तरह से सच मानना उचित नहीं है।


स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि वर्तमान में मामले गंभीर नहीं हैं और ये ओमिक्रॉन के सब-वेरिएंट से संबंधित हैं, जो गंभीर खतरे का संकेत नहीं देते। इस प्रकार, 2030 की भविष्यवाणी अभी भी सट्टा है और इसका सच होना भविष्य पर निर्भर करता है।