Donald Trump का दावा: क्या उन्होंने भारत-पाकिस्तान युद्ध को रोका?
ट्रंप का बड़ा बयान
नई दिल्ली: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण दावा किया है कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच संभावित युद्ध को टालने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। ट्रंप के अनुसार, उन्होंने दोनों देशों को स्पष्ट चेतावनी दी थी कि यदि संघर्ष जारी रहा, तो अमेरिका उनके साथ व्यापारिक संबंध समाप्त कर देगा। उनके इस बयान के अनुसार, इसी चेतावनी के बाद दोनों देशों ने संघर्ष विराम का निर्णय लिया और युद्ध की स्थिति टल गई।
जापान में ट्रंप का बयान
ट्रंप ने यह बयान जापान में व्यापारिक नेताओं के साथ एक डिनर के दौरान दिया, जहां उन्होंने अपनी विदेश नीति पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि कई बार युद्ध इसलिए नहीं होते क्योंकि देश अमेरिका के साथ अपने व्यापारिक संबंधों को बनाए रखने के लिए शांति का रास्ता अपनाते हैं।
भारत-पाकिस्तान तनाव पर ट्रंप का दृष्टिकोण
भारत-पाकिस्तान विवाद पर ट्रंप का दावा
डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि मई में भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव के समय स्थिति बहुत गंभीर थी। उनके अनुसार, दोनों देशों के बीच सात विमान गिराए गए थे, तब मैंने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर से कहा कि यदि आप लड़ाई जारी रखते हैं, तो अमेरिका आपके साथ व्यापार नहीं करेगा।
ट्रंप ने आगे कहा कि मैंने कहा कि यदि आप युद्ध करेंगे, तो हम व्यापार नहीं करेंगे और यह सुनने के बाद दोनों देशों ने झगड़ा समाप्त कर दिया। लगभग 24 घंटे में सब कुछ शांत हो गया। उन्होंने यह भी कहा कि इसी तरह की नीति से उन्होंने कई वैश्विक युद्धों को टालने में सफलता पाई। उनका कहना है कि लगभग 70 प्रतिशत युद्ध इसलिए नहीं हुए क्योंकि उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि यदि आप लड़ाई करेंगे, तो हम व्यापार नहीं करेंगे। यह रणनीति बहुत प्रभावी साबित हुई।
भारत का प्रतिक्रिया
भारत ने ट्रंप के दावे को किया खारिज
भारत के विदेश मंत्रालय (MEA) ने ट्रंप के इस दावे को पूरी तरह से खारिज कर दिया है। मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि भारत और पाकिस्तान के बीच जो संघर्ष विराम हुआ था, वह किसी तीसरे देश की मध्यस्थता का परिणाम नहीं था।
MEA की ओर से जारी बयान में कहा गया कि भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर पूरी तरह द्विपक्षीय बातचीत का परिणाम था, जो पाकिस्तान के अनुरोध पर दोनों देशों के डीजीएमओ (Director General of Military Operations) के बीच हुई थी। इसमें किसी तीसरे देश की कोई भूमिका नहीं थी।
भारत का रुख
भारत ने हमेशा से यह कहा है कि दिल्ली और इस्लामाबाद के बीच सभी मुद्दे द्विपक्षीय बातचीत के जरिए ही सुलझाए जाएंगे, किसी बाहरी हस्तक्षेप की गुंजाइश नहीं है। ट्रंप के इस नए दावे को लेकर भारत ने एक बार फिर यही रुख अपनाया है और अमेरिकी राष्ट्रपति के बयान को तथ्यों से परे बताया है।
