Donald Trump का नया बयान: क्या अमेरिकी अर्थव्यवस्था में सुधार संभव है?
ट्रंप का विवादास्पद बयान
नई दिल्ली: अमेरिकी राष्ट्रपति Donald Trump ने एक बार फिर से अमेरिकी अर्थव्यवस्था पर एक विवादास्पद बयान दिया है। बुधवार की रात, व्हाइट हाउस के 'डिप्लोमैटिक रिसेप्शन रूम' से उन्होंने कहा कि उन्हें 11 महीने पहले 'आर्थिक कचरा' विरासत में मिला था, जिसे वे अब सुधारने का प्रयास कर रहे हैं। क्रिसमस ट्री और जॉर्ज वॉशिंगटन की तस्वीर के बीच उन्होंने जनता को आश्वस्त करने की कोशिश की कि अमेरिकी अर्थव्यवस्था अब मजबूती की ओर बढ़ रही है।
'बाइडेन की नीतियों का असर'
अपने संबोधन में ट्रंप ने चार्ट्स के माध्यम से अपनी सरकार की उपलब्धियों का उल्लेख किया और मौजूदा आर्थिक समस्याओं के लिए पूर्व राष्ट्रपति Joe Biden को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा, "11 महीने पहले मुझे एक मेस मिला था—अब मैं उसे ठीक कर रहा हूं।" ट्रंप का कहना था कि पिछली सरकार की नीतियों ने महंगाई और रोजगार पर नकारात्मक प्रभाव डाला है, जिसे उनकी टीम धीरे-धीरे सुधारने का प्रयास कर रही है।
आंकड़ों की वास्तविकता
हालांकि ट्रंप अर्थव्यवस्था को सकारात्मक रूप में पेश कर रहे हैं, सरकारी आंकड़े कुछ और ही कहानी बयां करते हैं। हाल के महीनों में महंगाई का दबाव बना हुआ है। कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (CPI) अब 3% की दर से बढ़ रहा है, जो अप्रैल में 2.3% था। बेरोजगारी दर जनवरी के 4% से बढ़कर 4.6% हो चुकी है। रोजगार सृजन की गति भी धीमी रही है, और अप्रैल के बाद से हर महीने औसतन 17,000 नई नौकरियां ही जोड़ी गई हैं। ट्रंप द्वारा अप्रैल में लगाए गए आयात शुल्क के कारण कीमतों में वृद्धि का असर उपभोक्ताओं पर पड़ा है, जिसे विपक्ष उनकी नीतियों की असफलता के रूप में देखता है।
आर्थिक सुधार के संकेत
इन चुनौतियों के बीच, ट्रंप ने अर्थव्यवस्था के सकारात्मक पहलुओं को भी उजागर किया। उन्होंने कहा कि शेयर बाजार रिकॉर्ड स्तरों के करीब है और ईंधन की कीमतों में गिरावट से आम जनता को राहत मिली है। इसके अलावा, ट्रंप ने भविष्य की तकनीक पर जोर देते हुए कहा कि बड़ी टेक कंपनियां आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) में भारी निवेश कर रही हैं, जो उत्पादकता और विकास के नए अवसर पैदा कर सकता है।
यह संबोधन ऐसे समय में आया है जब हालिया चुनावों में ट्रंप की पार्टी को झटके लगे हैं और गठबंधन की मजबूती पर सवाल उठ रहे हैं। विश्लेषकों का मानना है कि व्हाइट हाउस से दिया गया यह संदेश 2026 के मिड-टर्म चुनावों से पहले जनमत साधने का प्रयास है। ट्रंप ने संकेत दिया है कि वे आर्थिक मोर्चे पर निर्णायक कदम उठाकर जनता का विश्वास जीतना चाहते हैं। लेकिन क्या आंकड़े उनके दावों का समर्थन करेंगे, यह आने वाले महीनों में स्पष्ट होगा।
