जर्मनी के ओलाफ़ स्कोल्ज़ विश्वास मत हार गए
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-फरवरी में शीघ्र चुनाव की स्थिति
बर्लिन, 16 दिसम्बर (हि.स.)। चांसलर ओलाफ स्कोल्ज़ सोमवार को जर्मन संसद में विश्वास मत हार गए हैं। जिसके बाद यूरोपीय संघ के सबसे अधिक आबादी वाले सदस्य और सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था को फरवरी में जल्दी चुनाव कराने की नौबत आ गई। स्कोल्ज़ ने 733 सीटों वाले निचले सदन या बुंडेस्टाग में 207 सांसदों का समर्थन हासिल किया, जबकि 394 ने उनके खिलाफ मतदान किया। वहीं 116 सांसद अनुपस्थित रहे। इस तरह चांसलर ओलाफ जीत के लिए जरूरी 367 के बहुमत से काफी पीछे रह गए।
बीते 06 नवंबर को चांसलर ओलाफ स्कोल्ज़ एक अलोकप्रिय और कुख्यात तीन-पक्षीय गठबंधन के पतन के बाद से एक अल्पमत सरकार का नेतृत्व कर रहे थे। उन्होंने जर्मनी की स्थिर अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने के विवाद के बीच अपनी सरकार के वित्त मंत्री को निकाल दिया था। तब कई प्रमुख दलों के नेता इस बात पर सहमत हुए कि संसदीय चुनाव मूल योजना से सात महीने पहले 23 फरवरी को होना चाहिए।
यहां विश्वास मत की आवश्यकता इसलिए पड़ी क्योंकि द्वितीय विश्व युद्ध के बाद जर्मनी का संविधान बुंडेस्टाग को खुद को भंग करने की अनुमति नहीं देता है। ऐसे में जब चांसलर विश्वास मत हार गए हैं तो अब राष्ट्रपति फ्रैंक-वाल्टर स्टीनमीयर को यह तय करना है कि संसद को भंग कर चुनाव बुलाया जाए या नहीं। स्टीनमीयर के पास यह निर्णय लेने के लिए 21 दिन है और चुनाव के नियोजित समय के कारण, क्रिसमस के बाद ऐसा करने की उम्मीद है। बतादें कि संसद भंग होने पर 60 दिनों के भीतर चुनाव कराया जाना चाहिए।
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हिन्दुस्थान समाचार / आकाश कुमार राय