International Tiger Day 2025: मध्य प्रदेश में कचरे से बनी बाघ की अद्भुत मूर्ति

International Tiger Day 2025: बाघों के संरक्षण का संदेश
International Tiger Day 2025: हर साल 29 जुलाई को टाइगर डे मनाया जाता है, जिसका मुख्य उद्देश्य बाघों के संरक्षण को बढ़ावा देना है। वर्तमान में, भारत बाघों का एक प्रमुख केंद्र बन चुका है। बाघ हमारे देश का राष्ट्रीय पशु है, और यह गर्व की बात है कि यहां इनकी संख्या सबसे अधिक है। मध्य प्रदेश के सिवनी जिले में पेंच टाइगर रिजर्व में इस अवसर पर कचरे से बनी दुनिया की सबसे बड़ी बाघ की मूर्ति स्थापित की गई है। आइए, इस मूर्ति और इसके स्थान के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करें।
कचरे से बनी मूर्ति की विशेषताएँ
वर्ल्ड रिकॉर्ड अकेडमी के अनुसार, यह मूर्ति अब तक की सबसे बड़ी बाघ की मूर्ति है। इसे लोहे के जंग लगे पाइप, खराब साइकिल के टुकड़े और अन्य बेकार सामानों से बनाया गया है। इसकी ऊंचाई लगभग 8 फीट और लंबाई 4 फीट है। इस मूर्ति का निर्माण कचरे से किया गया है, जिससे यह संदेश मिलता है कि बेकार सामानों से भी सुंदरता का निर्माण संभव है।
पेंच टाइगर रिजर्व की विशेषताएँ
पेंच टाइगर रिजर्व मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में फैला हुआ एक प्रमुख बाघों का संरक्षण क्षेत्र है। यह अपनी जैव विविधता और प्राकृतिक सौंदर्य के लिए प्रसिद्ध है। इसके अलावा, यह जंगल हमारे बचपन के प्रिय कार्टून 'द जंगल बूक' से भी जुड़ा हुआ है, जो इसी जंगल पर आधारित है। इसलिए, इसे मोगली लैंड के नाम से भी जाना जाता है।
पर्यटन के लिए आदर्श स्थान
यह टाइगर रिजर्व पर्यटन के लिए एक बेहतरीन स्थल है, जहां लगभग 125 बाघ निवास करते हैं। इसका नाम पेंच नदी पर रखा गया है, जो जंगल के जानवरों के लिए पानी का स्रोत है। यहां 200 से अधिक पक्षियों की प्रजातियाँ भी पाई जाती हैं, जैसे पीफोल और गिद्ध। इसके अलावा, तेंदुए, जंगली भैंस, सांभर, चीतल और नीलगाय जैसे जानवर भी यहां देखे जा सकते हैं। इस रिजर्व में घूमने का सबसे अच्छा समय अक्टूबर से जून के बीच होता है, और यहां जीप सफारी और ट्रैकिंग की सुविधाएँ भी उपलब्ध हैं।