जलवायु परिवर्तन पर वैश्विक प्रयास तेज: आईपीसीसी की सातवीं मूल्यांकन रिपोर्ट की तैयारी शुरू
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- अमेरिका की गैरमौजूदगी से वैश्विक जलवायु सहयोग पर उठे सवाल
हांगझू (चीन), 25 फरवरी (हि.स.)। जलवायु परिवर्तन पर अंतरसरकारी पैनल (आईपीसीसी) का 62वां पूर्ण सत्र शुरू हो चुका है, जिसमें जलवायु परिवर्तन पर सातवीं आकलन रिपोर्ट (एआर7) और कार्बन डाइऑक्साइड रिमूवल टेक्नोलॉजीज पर रिपोर्ट तैयार करने का खाका तय किया जाएगा। इस बैठक में 195 सदस्य देशों के प्रतिनिधि शामिल हैं, लेकिन अमेरिका की गैरमौजूदगी ने वैश्विक जलवायु सहयोग पर नए सवाल खड़े कर दिए हैं।
पिछले वर्ष वैश्विक तापमान रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया था, जो पूर्व-औद्योगिक काल की तुलना में 1.55 डिग्री सेल्सियस अधिक था। ऐसे में यह बैठक बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही है, क्योंकि यह रिपोर्ट सरकारों और नीति-निर्माताओं को जलवायु संकट से निपटने के लिए ठोस दिशा-निर्देश प्रदान करेगी।
आईपीसीसी की सातवीं मूल्यांकन रिपोर्ट (एआर7) में जलवायु परिवर्तन से संबंधित नवीनतम वैज्ञानिक शोधों को शामिल किया जाएगा। यह रिपोर्ट प्रमुख रूप से चार अहम विषयों पर केंद्रित होगी:
-जलवायु परिवर्तन के भौतिक विज्ञान
-जलवायु परिवर्तन के प्रभाव और अनुकूलन रणनीतियां
-ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में कमी के समाधान
-जलवायु परिवर्तन से निपटने में नवीनतम वैज्ञानिक प्रगति
बैठक में 195 सदस्य देशों के प्रतिनिधि और जलवायु विज्ञान के विशेषज्ञ भाग ले रहे हैं। यह वैज्ञानिकों और नीति-निर्माताओं के लिए एक मंच प्रदान करता है, जहां वे जलवायु संकट से निपटने के लिए ठोस समाधान तैयार कर सकते हैं।
आईपीसीसी के अध्यक्ष जिम स्की ने कहा, यह सत्र जलवायु परिवर्तन पर अगली वैश्विक रिपोर्ट के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा। हमें दुनिया भर के वैज्ञानिकों का सहयोग मिला है, और हम इस रिपोर्ट को वैज्ञानिक रूप से मजबूत और प्रभावी बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
अमेरिका की अनुपस्थिति पर बढ़ी चिंता
रिपोर्ट्स के मुताबिक, अमेरिकी स्टेट डिपार्टमेंट के अधिकारी इस सप्ताह की बैठक में शामिल नहीं हो रहे हैं। जलवायु वैज्ञानिकों का कहना है कि यह निर्णय वैश्विक जलवायु सहयोग के लिए एक झटका है, क्योंकि आईपीसीसी (IPCC) की रिपोर्टें देशों की जलवायु नीतियों को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।
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हिन्दुस्थान समाचार / आकाश कुमार राय