Maharashtra में मराठी भाषा विवाद: MNS की रैली में पुलिस कार्रवाई और व्यापारियों का विरोध

Maharashtra में मराठी भाषा को लेकर विवाद
Language Row Maharashtra: महाराष्ट्र में मराठी भाषा के मुद्दे पर चल रहा विवाद एक बार फिर से तूल पकड़ चुका है। भायंदर में एक फूड स्टॉल के मालिक के साथ हुई मारपीट के विरोध में और गुजराती व्यापारियों की रैली के जवाब में, मंगलवार को महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) ने ठाणे जिले के मीरा-भायंदर क्षेत्र में एक रैली का आयोजन किया। इस दौरान सुरक्षा के मद्देनजर भारी पुलिस बल तैनात किया गया और कई एमएनएस कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया गया।
रैली की अनुमति न मिलने पर विवाद
रैली को मुंबई की ओर बढ़ाने की योजना थी, लेकिन एमएनएस के ठाणे और पालघर जिलाध्यक्ष अविनाश जाधव सहित कई प्रमुख नेताओं की गिरफ्तारी के बाद पार्टी की रणनीति प्रभावित हुई। पुलिस ने स्पष्ट किया कि रैली के लिए अनुमति नहीं दी गई थी, जबकि एमएनएस ने इसे उनके लोकतांत्रिक अधिकारों पर हमला बताया।
पुलिस की कार्रवाई और एमएनएस का विरोध
VIDEO | Mira Bhayandar Morcha: Several MNS workers detained.
— Press Trust of India (@PTI_News) July 8, 2025
The police had earlier detained local MNS leader Avinash Jadhav ahead of a rally planned in Thane to counter a protest staged by traders against the slapping of a food stall owner for not speaking in Marathi.… pic.twitter.com/NntJHDm6Ow
संदीप देशपांडे का बयान
एमएनएस नेता संदीप देशपांडे ने इसे लोकतंत्र का अपमान बताते हुए कहा, "आज सुबह 3:30 बजे हमारे नेताओं को गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस गुजराती व्यापारियों की रैली को इज्जत दे रही है, लेकिन मराठी लोगों की रैली को अनुमति नहीं दे रही। यह कैसा इमरजेंसी जैसा माहौल है? ये महाराष्ट्र की सरकार है या गुजरात की?" उन्होंने कहा कि रैली तो होकर रहेगी।
मुख्यमंत्री का स्पष्टीकरण
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने एमएनएस के आरोपों का खंडन करते हुए कहा, "यह कहना गलत है कि हमने अनुमति नहीं दी। मैंने पुलिस कमिश्नर से बात की, जिन्होंने बताया कि रैली के लिए मीटिंग की अनुमति मांगी गई थी और हमने उन्हें वैकल्पिक मार्ग देने की बात कही, लेकिन वे नहीं माने।"
फूड स्टॉल मालिक पर हमला
इस विवाद की शुरुआत उस वीडियो से हुई जिसमें भायंदर में एक फूड स्टॉल के मालिक को कुछ एमएनएस कार्यकर्ताओं ने केवल इसलिए थप्पड़ मारा क्योंकि वह मराठी में जवाब नहीं दे रहा था। यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया और व्यापारी वर्ग में भारी नाराजगी फैल गई।
व्यापारियों का प्रदर्शन
हमले के बाद भायंदर के व्यापारियों ने बड़े पैमाने पर प्रदर्शन किया और एमएनएस कार्यकर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। हालांकि, बाद में सात एमएनएस कार्यकर्ताओं को हिरासत में लेकर पूछताछ के बाद छोड़ दिया गया। उनके खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धाराओं के तहत दंगा करने, धमकी देने और मारपीट का मामला दर्ज किया गया।
एमएनएस का मराठी भाषा पर जोर
एमएनएस पिछले कुछ समय से बैंकों और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में मराठी भाषा को अनिवार्य करने की मांग को लेकर अभियान चला रही है। इसी क्रम में पिछले सप्ताह पार्टी कार्यकर्ताओं ने एक कारोबारी सुशील केडिया के मुंबई स्थित दफ्तर में तोड़फोड़ की थी। केडिया ने एक्स (X) पर लिखा था कि वह 30 साल से मुंबई में रहते हैं, लेकिन मराठी नहीं बोलते और राज ठाकरे को इस मुद्दे पर खुली चुनौती दी थी।