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अमेरिकी दबाव के बाद नेपाल ने सार्वजनिक किया बीआरआई संबंधी समझौता दस्तावेज

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अमेरिकी दबाव के बाद नेपाल ने सार्वजनिक किया बीआरआई संबंधी समझौता दस्तावेज


काठमांडू, 10 दिसंबर (हि.स.)। नेपाल के विदेश मंत्रालय ने बेल्ट एंड रोड सहयोग के लिए फ्रेमवर्क का दस्तावेज जारी किया है, जिस पर पिछले सप्ताह प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की आधिकारिक चीन यात्रा के दौरान हस्ताक्षर किए गए थे। कल ही अमेरिका के सहायक मंत्री डोनाल्ड लू ने नेपाल-चीन के बीच हुए समझौते को सार्वजनिक करने की मांग की थी।

दोनों देशों के विदेश सचिवों ने 4 दिसंबर को बीजिंग में बीआरआई के फ्रेमवर्क दस्तावेज पर हस्ताक्षर किया था। चीन ने नेपाल द्वारा भेजे गए मसौदे से अनुदान शब्द हटाने के बाद 3 दिसंबर को ढांचे पर हस्ताक्षर नहीं हो पाया। नेपाल ने 29 नवंबर को एक मसौदा भेजा था जिसमें प्रस्ताव दिया गया था कि चीन नेपाल सरकार द्वारा आगे बढ़ने वाली परियोजनाओं पर अनुदान निवेश प्रदान करेगा।

प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली और नेपाली कांग्रेस के अध्यक्ष शेर बहादुर देउबा ने पहले बीआरआई सहयोग पर ढांचे के मसौदे को मंजूरी दी थी जिसमें कहा गया था कि नेपाल केवल चीनी अनुदान स्वीकार करेगा। लेकिन आज सार्वजनिक किए गए समझौते में कहीं भी सिर्फ अनुदान का उल्लेख नहीं है।

नेपाल ने 2017 में बीआरआई पर समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए थे। उसके बाद बीआरआई कार्यान्वयन योजना पर हस्ताक्षर करने की उम्मीद थी लेकिन यह लंबे समय तक नहीं हुआ। उस समय चीन के साथ हुए एमओयू को अब तक सार्वजनिक नहीं किया गया। सरकार इस दस्तावेज को भी एक हफ्ते तक सार्वजनिक नहीं किया था। नेपाल दौरे पर आए अमेरिकी विदेश मंत्रालय के दक्षिण एवं मध्य एशिया मामलों के प्रभारी डोनाल्ड लू ने सार्वजनिक रूप से चीन के साथ हुए समझौते का दस्तावेज सार्वजनिक करने की मांग की थी।

पीएम ओली की चीन यात्रा को अंतिम रूप देने के बाद बीआरआई कार्यान्वयन योजना के तौर-तरीके पर चर्चा करने के लिए एक कार्यदल का गठन किया गया था। इस कार्यदल में प्रधानमंत्री के मुख्य सलाहकार बिष्णु रिमल, आर्थिक और विकास सलाहकार युवराज खतीवड़ा, कांग्रेस के महासचिव गगन थापा और अधिवक्ता सेमंत दहल शामिल थे।

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हिन्दुस्थान समाचार / पंकज दास