अंबाला में सब्जियों की कीमतों में वृद्धि: मानसून का असर

सब्जी महंगाई: रसोई का बजट बिगड़ा
अंबाला में सब्जियों की कीमतों में वृद्धि: मानसून का असर सब्जी महंगाई ने अंबाला के निवासियों के रसोई बजट को प्रभावित कर दिया है। मानसून की शुरुआत ने गर्मी से राहत दी, लेकिन सब्जियों के दाम आसमान छू रहे हैं।
विशेष रूप से पहाड़ी क्षेत्रों से आने वाली सब्जियों, जैसे मटर और आलू, की कीमतों में भारी वृद्धि देखी जा रही है। मटर की कीमतें 140 रुपये प्रति किलोग्राम से अधिक हो गई हैं, जिससे आम जनता की जेब पर बोझ बढ़ गया है। आइए, इस महंगाई के कारणों और इसके प्रभाव को समझते हैं।
बरसात का प्रभाव: सब्जियों की कीमतें बढ़ी
मानसून के आगमन के साथ ही अंबाला की मंडियों में सब्जी महंगाई का असर स्पष्ट हो गया है। मटर की कीमतें 140 रुपये प्रति किलो से ऊपर पहुंच गई हैं। बीन और पहाड़ी आलू की कीमतों में भी तेजी आई है। मंडी में खरीदारी करने आए लोग परेशान हैं।
कुछ लोग मानते हैं कि कीमतों में हल्की वृद्धि स्वाभाविक है, जबकि कई का कहना है कि यह वृद्धि उनकी जेब पर भारी पड़ रही है।
हालांकि मंडी में भीड़ है, लेकिन ग्राहक ऊंचे दामों से असंतुष्ट हैं। स्थानीय लोग अब सस्ती सब्जियों की तलाश में हैं, जिससे रसोई का बजट प्रभावित हो रहा है।
दुकानदारों के अनुसार कारण
मंडी के प्रधान सुरेंद्र बिंद्रा और दुकानदारों ने सब्जी महंगाई के पीछे का कारण बताया है। उनका कहना है कि बरसात के कारण पहाड़ी क्षेत्रों से सब्जियों की आपूर्ति प्रभावित हुई है। बारिश से फसलें खराब हो रही हैं, जिससे आपूर्ति में कमी आई है। इस कमी ने कीमतों को बढ़ा दिया है।
हालांकि, आलू और प्याज की कीमतों में ज्यादा बदलाव नहीं आया है। दुकानदारों का कहना है कि 5-10 रुपये की वृद्धि सामान्य है, लेकिन यदि टमाटर या आलू 100 रुपये प्रति किलो तक पहुंचते हैं, तो यह असली महंगाई होगी। लोग अब सस्ते विकल्पों की तलाश कर रहे हैं।
आम जनता पर प्रभाव और सुझाव
सब्जी महंगाई का सबसे अधिक प्रभाव मध्यम और निम्न आय वर्ग पर पड़ रहा है। अंबाला के लोग अब रसोई का खर्च चलाने के लिए सस्ती सब्जियां, जैसे प्याज और आलू, खरीद रहे हैं। कुछ लोग स्थानीय मंडियों में ताजा और सस्ती सब्जियों की खोज कर रहे हैं।
विशेषज्ञ सलाह दे रहे हैं कि मौसमी सब्जियां खरीदकर खर्च कम किया जा सकता है। साथ ही, बरसात के दौरान सप्लाई बाधित होने की संभावना रहती है, इसलिए पहले से खरीदारी की योजना बनाना उचित है। यह महंगाई भले ही अस्थायी हो, लेकिन इसका असर हर घर की रसोई पर पड़ रहा है।