Newzfatafatlogo

अंबाला शिव मंदिर का चमत्कार: एक बच्चे की जीवन वापसी की अद्भुत कहानी

अंबाला शिव मंदिर, बाबा किशनपुरी के चमत्कारों का गवाह, एक अद्भुत स्थान है जहाँ एक बच्चे की जीवन वापसी की कहानी सुनाई जाती है। यह मंदिर न केवल श्रद्धा का केंद्र है, बल्कि भक्तों के लिए एक जीवनदायिनी स्थल भी बन चुका है। महाशिवरात्रि पर यहाँ आने वाले भक्तों की संख्या हर साल बढ़ती जा रही है। जानें इस मंदिर का ऐतिहासिक महत्व और श्रद्धालुओं की आस्था के बारे में।
 | 
अंबाला शिव मंदिर का चमत्कार: एक बच्चे की जीवन वापसी की अद्भुत कहानी

अंबाला शिव मंदिर का चमत्कार

अंबाला शिव मंदिर का चमत्कार: बाबा किशनपुरी के चमत्कार से एक बच्चे की जीवन वापसी: यह स्थान केवल एक धार्मिक स्थल नहीं है, बल्कि श्रद्धा और चमत्कार का जीवंत उदाहरण है। अंबाला के रामबाग मैदान के निकट स्थित यह प्राचीन शिव मंदिर अपनी भव्यता के साथ-साथ बाबा किशनपुरी जी के अद्भुत चमत्कारों के लिए भी जाना जाता है।


कहा जाता है कि लगभग 500 वर्ष पहले बाबा किशनपुरी जी यहाँ तपस्या करते थे। एक दिन जब उनका एक नियमित भक्त मंदिर नहीं आया, तो बाबा ने उसकी अनुपस्थिति का कारण पूछा। पता चला कि भक्त का पुत्र निधन हो गया था। बाबा ने उस बच्चे पर अभिमंत्रित जल छिड़का और वह पुनर्जीवित हो गया।


रात को बाबा को एक भविष्यवाणी मिली, जिसके बाद उन्होंने समाधि लेने का निर्णय लिया। उन्होंने चार दीवारें बनवाकर समाधि ली, जिसके बाद यहाँ शिवलिंग की स्थापना की गई और यह स्थान श्रद्धालुओं का प्रमुख केंद्र बन गया।


मंदिर का ऐतिहासिक महत्व और वर्तमान स्थिति

मंदिर का ऐतिहासिक महत्व और वर्तमान स्थिति:


मंदिर के मुख्य पुजारी सुरेश कुमार शास्त्री ने बताया कि वे पिछले 40 वर्षों से यहाँ पूजा-अर्चना कर रहे हैं। हर दिन सैकड़ों श्रद्धालु दूर-दूर से भगवान शिव के दर्शन करने और शिव चालीसा का पाठ करने आते हैं।


यह माना जाता है कि जो भक्त सच्चे मन से शिव चालीसा का पाठ करता है, उसकी सभी इच्छाएँ पूरी होती हैं। इस मंदिर में आज भी बाबा किशनपुरी जी की कुटिया संरक्षित है, जहाँ वे ध्यान में लीन रहते थे। मंदिर परिसर में सकारात्मक ऊर्जा और आत्मिक शांति का अनुभव होता है।


महाशिवरात्रि पर श्रद्धा का अद्भुत दृश्य

महाशिवरात्रि पर श्रद्धा का अद्भुत दृश्य:


महाशिवरात्रि के दिन यह मंदिर न केवल हरियाणा से, बल्कि आस-पास के राज्यों से भी भक्तों से भर जाता है। कांवड़ लेकर आए भक्त शिवलिंग पर गंगाजल का अभिषेक करते हैं।


महेश कुमार, एक कांवड़िया, ने बताया कि वे हर साल अपने पूर्वजों की परंपरा का पालन करते हुए इस मंदिर में आते हैं। वहीं, भक्त हरीश कुमार का मानना है कि भगवान भोलेनाथ ने उनकी सभी इच्छाएँ पूरी की हैं।


यह मंदिर भक्तों के लिए केवल एक आस्था स्थल नहीं, बल्कि जीवनदायिनी स्थान बन चुका है, जहाँ हर वर्ष हजारों लोग शिव की कृपा प्राप्त करते हैं।