Newzfatafatlogo

अफगान विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी का भारत दौरा: महिला पत्रकारों के प्रवेश पर विवाद

अफगानिस्तान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी का भारत दौरा कई मुद्दों को लेकर चर्चा में है। उनकी मुलाकात में द्विपक्षीय सहयोग पर बात हुई, लेकिन प्रेस कॉन्फ्रेंस में महिला पत्रकारों को प्रवेश नहीं दिया गया, जिससे विवाद खड़ा हो गया। विपक्ष ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है, जबकि तालिबान सरकार महिलाओं के अधिकारों के हनन के आरोपों का सामना कर रही है। जानिए इस दौरे के दौरान क्या-क्या हुआ और तालिबान का भारत के प्रति क्या रुख है।
 | 
अफगान विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी का भारत दौरा: महिला पत्रकारों के प्रवेश पर विवाद

आमिर खान मुत्ताकी का भारत दौरा


Amir Khan Muttaqi visit: अफगानिस्तान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी वर्तमान में भारत के सात दिवसीय दौरे पर हैं। शुक्रवार को, उन्होंने भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर से मुलाकात की, जिसमें दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय सहयोग, अफगानिस्तान के पुनर्निर्माण, स्वास्थ्य और आपदा राहत पर चर्चा की। भारत ने यह भी घोषणा की कि काबुल में स्थित तकनीकी मिशन को दूतावास का दर्जा दिया जाएगा, जिसे मुत्ताकी ने एक सकारात्मक कदम बताया।


महिला पत्रकारों की एंट्री पर रोक

इस दिन अफगानिस्तान दूतावास में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में महिला पत्रकारों को प्रवेश की अनुमति नहीं दी गई, जिससे विवाद उत्पन्न हुआ। रिपोर्टों के अनुसार, तालिबान प्रतिनिधिमंडल ने पत्रकारों की सूची तैयार की और महिलाओं को बाहर रखा।


इस कदम को भारतीय अधिकारियों द्वारा सुझाई गई समान भागीदारी की सलाह के खिलाफ माना जा रहा है। कुल 20 पत्रकारों को आमंत्रित किया गया, जिनमें एक भी महिला नहीं थी। महिला पत्रकारों ने सोशल मीडिया पर इस भेदभाव के खिलाफ आवाज उठाई, यह बताते हुए कि उन्होंने ड्रेस कोड का पालन किया था।


विपक्ष की प्रतिक्रिया

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने सोशल मीडिया पर सवाल उठाते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पूछा कि तालिबान के प्रतिनिधि के भारत दौरे पर आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में महिला पत्रकारों को हटाए जाने पर उनकी स्थिति क्या है। उन्होंने कहा कि यदि महिलाओं के अधिकारों के प्रति आपकी मान्यता केवल चुनावों के बीच दिखावा है, तो फिर भारत की सक्षम महिलाओं का अपमान कैसे सहन किया गया?


टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने कहा कि तालिबानी मंत्री को महिला पत्रकारों को प्रेस कॉन्फ्रेंस से बाहर रखने की अनुमति देकर सरकार ने हर भारतीय महिला का अपमान किया है।


तालिबान के रुख पर सवाल

यह घटना तब हुई है जब तालिबान सरकार महिलाओं के अधिकारों के हनन को लेकर वैश्विक आलोचना का सामना कर रही है। संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, अफगान महिलाओं को काम, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच में गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। बिना पुरुष संरक्षक के, महिलाओं को यात्रा या चिकित्सा सेवाएं नहीं मिल पातीं।


मुत्ताकी ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि तालिबान सरकार के आने के बाद से देश में हिंसा में कमी आई है और अफगानिस्तान अब स्थिर हो रहा है। उन्होंने कहा कि हर देश की अपनी संस्कृति और नियम होते हैं और हमारे देश में वही लागू हैं।


भारत को मित्र बताया

प्रेस कॉन्फ्रेंस में मुत्ताकी ने भारत को मित्र देश बताते हुए दोनों देशों के बीच सम्मान और व्यापार आधारित रिश्तों की वकालत की। उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान में लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकी संगठनों को कोई स्थान नहीं दिया गया है।


पाकिस्तान पर परोक्ष हमला करते हुए उन्होंने कहा कि हाल ही में हुए आतंकी हमलों की जिम्मेदारी वहां के तत्वों की है। मुत्ताकी का बयान इस ओर इशारा करता है कि तालिबान भारत के साथ सुरक्षा और राजनीतिक सहयोग को लेकर गंभीर है।