Newzfatafatlogo

अफगान विदेश मंत्री का दारुल उलूम दौरा: भारत-अफगानिस्तान संबंधों पर चर्चा

अफगानिस्तान के विदेश मंत्री अमीर खान मुत्तकी ने दारुल उलूम का दौरा किया, जहां उन्होंने भारत और अफगानिस्तान के बीच ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंधों पर चर्चा की। मौलाना अरशद मदनी ने बताया कि यह रिश्ता केवल शैक्षणिक नहीं, बल्कि भारत की स्वतंत्रता से भी जुड़ा है। दोनों देशों के बीच सदियों पुरानी मित्रता और सहयोग की भावना को उजागर करते हुए, मुत्तकी ने भारत के मानवतावादी प्रयासों की सराहना की।
 | 
अफगान विदेश मंत्री का दारुल उलूम दौरा: भारत-अफगानिस्तान संबंधों पर चर्चा

अफगान विदेश मंत्री का महत्वपूर्ण दौरा

समाचार स्रोत: शनिवार को अफगानिस्तान के विदेश मंत्री अमीर खान मुत्तकी ने देवबंद में स्थित प्रसिद्ध इस्लामी शिक्षण संस्थान दारुल उलूम का दौरा किया। इस अवसर पर उनका स्वागत जमीअत उलमा-ए-हिंद के प्रमुख मौलाना अरशद मदनी और अन्य विद्वानों ने किया। इस मुलाकात में दोनों देशों के बीच ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंधों पर चर्चा की गई। मौलाना अरशद मदनी ने मुत्तकी से कहा कि हमारा संबंध केवल शैक्षणिक नहीं, बल्कि भारत की स्वतंत्रता से भी जुड़ा है।



उन्होंने कहा कि जब हमारे पूर्वज स्वतंत्रता की लड़ाई लड़ रहे थे, तब उन्होंने अफगानिस्तान की भूमि को अपने मिशन के लिए चुना था। इसलिए, हमारा संबंध आध्यात्मिक और ऐतिहासिक दोनों दृष्टियों से गहरा है। उन्होंने यह भी बताया कि अफगानिस्तान और भारत के बीच सदियों से धार्मिक, सांस्कृतिक और मानवता पर आधारित संबंध रहे हैं। अफगानिस्तान ने हमेशा भारत के साथ मित्रता निभाई है, और भारत ने भी कठिन समय में अफगान जनता की सहायता की है।


यह संबंध राजनीति पर आधारित नहीं है, बल्कि आपसी सम्मान और समझ पर टिका है। अफगान विदेश मंत्री मुत्तकी ने भारत के सहयोग और आतिथ्य की सराहना की। उन्होंने कहा कि हाल ही में हेरात प्रांत में आए भूकंप के बाद भारत ने सबसे पहले मानवतावादी सहायता भेजी, जो दोनों देशों के मजबूत संबंधों का प्रतीक है।


दारुल उलूम के मीडिया प्रभारी अशरफ उस्मानी ने बताया कि मुत्तकी का स्वागत पारंपरिक तरीके से किया गया और उन्हें संस्थान की ऐतिहासिक विरासत से अवगत कराया गया। उन्होंने कहा कि भारत की परंपरा है कि वह हर विदेशी अतिथि का सम्मान और गर्मजोशी से स्वागत करता है, और यह परंपरा आज भी कायम है।